मप्र कांग्रेस में ओल्ड बनाम न्यू जनरेशन का नया बखेड़ा

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता भी निशाने पर

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। तमाम तरह की अंतर्कलह से जूझ रही मप्र कांग्रेस में अब नई तरह की जंग शुरू हो रही है। पार्टी के नए नेता और पदाधिकारी खुले आम वरिष्ठ नेताओं की आलोचना कर रहे हैं। इन नेताओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होने से सबको आश्चर्य हो रहा है। इससे पार्टी के तमाम संगठनात्मक काम प्रभावित हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी इस समय स्पष्ट रूप से दो धड़ों में विभाजित होती दिख रही है। पार्टी में इस विभाजन का मुख्य कारण वरिष्ठ नेताओं, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ, को दरकिनार किया जाना है। कांग्रेस का एक नया गुट अब खुलकर इन वरिष्ठ नेताओं की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने लगा है।पचमढ़ी में चल रहे प्रदेश संगठन के प्रशिक्षण शिविर के बीच भी, अनुशासनहीनता और पार्टी के बड़े नेताओं की आलोचना की कई घटनाएं सार्वजनिक हुई हैं। इन सब पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और अन्य जिम्मेदार नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की “नई कांग्रेस” और पुराने, अनुभवी नेताओं के समर्थकों के बीच बढ़ता यह आंतरिक विरोध, पार्टी के संगठन सृजन और एसआइआर में मुस्तैदी के राहुल गांधी के नारे को प्रभावित करता दिख रहा है।

पचमढ़ी में चल रहे प्रदेश संगठन के प्रशिक्षण शिविर के बीच भी, अनुशासनहीनता और पार्टी के बड़े नेताओं की आलोचना की कई घटनाएं सार्वजनिक हुई हैं। इन सब पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और अन्य जिम्मेदार नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की “नई कांग्रेस” और पुराने, अनुभवी नेताओं के समर्थकों के बीच बढ़ता यह आंतरिक विरोध, पार्टी के संगठन सृजन और एसआइआर में मुस्तैदी के राहुल गांधी के नारे को प्रभावित करता दिख रहा है।मंगलवार को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रसारित हुई, जिसमें शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे कथित तौर पर दिग्विजय सिंह को अपशब्द कहते सुनाई दिए। इससे पार्टी में भारी खलबली मची है। कांग्रेस के प्रभारी और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी फिलहाल इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई करने के बजाय मामले को शांत करने की कोशिश में लगे हैं।

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