अब एमपी सीजी सहित 12 राज्यों में होगा एसआईआर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी

खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली। बिहार के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया निर्वाचन आयोग का स्पेशल समरी रिवीजन (एसआईआर) अब मध्यप्रदेश सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होने जा रहा है। इन राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, पुड्डचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
चुनाव आयोग की दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस चरण में मतदाता सूची को अद्यतन करने, नए नाम जोड़ने और गलतियों को सुधारने की प्रक्रिया की जाएगी।मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR के दूसरे फेज की प्रक्रिया कल से शुरू होगी। प्रिटिंग और ट्रेनिंग का काम 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाई जाएगी। वहीं 9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा।ड्राफ्ट सूची में कोई विवाद होने पर 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक का समय क्लेम और ऑब्जेक्शन के लिए रखा गया है। 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और वेरिफिकेशन फेज रखा गया है। सारी प्रक्रियाओं के बाद 7 फरवरी 2026 को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
जरूरी फॉर्म और उनका उपयोग
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से संबंधित तीन मुख्य फॉर्म जारी किए हैं:
फॉर्म 6: नया नाम जोड़ने के लिए
फॉर्म 7: पहले से दर्ज नाम हटाने के लिए
फॉर्म 8: विवरण में सुधार या बदलाव के लिए
इन फॉर्म को मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ (BLO) के माध्यम से या ऑनलाइन पोर्टल पर भर सकते हैं।
कौन-कौन से दस्तावेज हैं जरूरी?
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- सरकारी/स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी आदि द्वारा जारी प्रमाणपत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- फॉरेस्ट राइट सर्टिफिकेट
- जाति प्रमाण पत्र
- एनआरसी दस्तावेज
- फैमिली रजिस्टर (राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार)
- जमीन या मकान आवंटन प्रमाणपत्र
- चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो नागरिक तय समय सीमा में अपने दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनके नाम आगामी फाइनल मतदाता सूची में शामिल होने में समस्या आ सकती है। इसलिए आयोग ने सभी पात्र नागरिकों से अपील की है कि वे समय पर आवश्यक प्रक्रिया पूरी करें ताकि मतदान के अधिकार से वंचित न रहें।





