बिहार में तेजस्वी होंगे महागठबंधन के सीएम फेस

खरी खरी संवाददाता

पटना। कांग्रेस और राजद की लीडरशिप वाले महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को अपना लीड़र चुना है। पटना में हुई महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव को बिहार में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया।

साथ ही महागठबंधन ने घोषणा की है कि बिहार में उसकी सरकार बनने पर एक से ज़्यादा उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं, इनमें से एक डिप्टी सीएम विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी होंगे। गहलोत ने कहा, “तेजस्वी एक नौजवान हैं, इनका लंबा फ्यूचर है। जिनका लंबा फ्यूचर होता है जनता उसका साथ देती है। ये नौजवान हैं और कमिटमेंट रखते हैं। पिछली बार इन्होंने जो नौकरी के स्लोगन दिए थे, जो वादे किए थे उसमें खरे उतरे।” वहीं बिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आरजेडी का मतलब है-रंगदारी, जंगलराज, दादागिरी। उन्होंने कहा, ”जो लोग नौकरी के लिए जमीन तक ले लेते हैं, वो क्या आपको नौकरी देंगे।”गहलोत की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आरजेडी के तेजस्वी यादव, मनोज झा, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, पवन खेड़ा सीपीआईएमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, वीआईपी के मुकेश सहनी समेत महागठबंधन के सहयोगी दलों के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।इससे पहले महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ़्रेंस वाली जगह पर एक पोस्टर में महागठबंधन के सहयोगी दलों के चुनाव चिह्न ज़रूर नज़र आए, लेकिन इसके नेता के तौर पर अकेले तेजस्वी यादव की तस्वीर ने कई लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। इस पर स्पष्ट तौर पर लिखा गया, ‘बिहार मांगे तेजस्वी सरकार और चलो बिहार बदल दें।’ माना यह गया कि यह तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा बनाने की मांग का संकेत है।

इस तस्वीर पर कांग्रेस के क़रीबी और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने टिप्पणी की और कहा, “राहुल गांधी के बिना कोई औचित्य है क्या। मैं नहीं मानता। वोटिंग केवल राहुल गांधी की तस्वीर पर ही होगी अन्य किसी की तस्वीर पर नहीं। वहां सभी नेताओं की तस्वीर होनी चाहिए। यह ठीक नहीं है।” पप्पू यादव ने कहा कि इससे सही संदेश नहीं जाएगा, और बिहार का चुनाव केवल राहुल गांधी के चेहरे पर जीता जा सकता है।

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