लेह में कर्फ्यू में ढील से लोगों को मिली राहत, पुलिस बल मुस्तैद

खरी खरी संवाददाता

लेह। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के चलते लेह में लागू कर्फ्यू में चरणबद्ध डील दी गई तो लोगों ने राहत की सांस ली। घरो में कैद लोग जरूरत का सामना खरीदने के लिए बाजारों में पहुंच गए। कर्फ्यू में ढील के बाद भी पुलिस बल सभी इलाकों में तैनात है।कर्फ्यू चरणबद्ध तरीके से कुछ घंटों के लिए हटाया गया तो लेह के लोगों को बहुत राहत मिली। लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए दुकानों के बाहर कतारों में खड़े दिखे। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और अर्धसैनिक बल सुबह से ही गश्त कर रहे थे। उन्होंने अपनी गश्त तेज कर दी थी। यह सब कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया था। एक दिन पहले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया गया था। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एस डी सिंह जामवाल ने बताया कि कर्फ्यू में कुल चार घंटे की ढील दी गई है। जामवाल ने पत्रकारों से कहा कि हमने (प्रतिबंधों में ढील देने का) फैसला लिया है। पहले चरण में पुराने शहर के इलाकों में दोपहर एक बजे से तीन बजे तक दो घंटे के लिए और इसके बाद नए इलाकों में दोपहर साढ़े तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक दो घंटे की ढील दी गई है। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांगों को लेकर केंद्र के साथ बातचीत आगे बढ़ाने के लिए लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की ओर से बुलाए गए बंद के दौरान व्यापक हिंसा में चार लोगों की मौत होने और 90 अन्य के घायल होने के बाद बुधवार शाम को कर्फ्यू लगा दिया गया था। उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने राजभवन में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस दलों ने शनिवार को जन-संबोधन प्रणाली का उपयोग करते हुए कर्फ्यू में ढील की घोषणा की और इसके तुरंत बाद आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुल गईं, जहां भारी भीड़ देखी गई। उन्होंने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की निगरानी के कारण एटीएम कियोस्क के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े देखे गए। उन्होंने बताया कि पुराने शहर के इलाकों में ढील का समय शांतिपूर्वक बीता। जामवाल ने कहा कि पिछले महीने एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की गिरफ्तारी के बाद वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंधों की जांच की जा रही है। उन्होंने वांगचुक को बुधवार की हिंसा का ‘मुख्य सरगना’ बताया। बुधवार की हिंसा में जान गंवाने वाले चार लोगों के अंतिम संस्कार में लोगों की भागीदारी पर डीजीपी ने कहा कि अंतिम संस्कार में उनके रिश्तेदारों के शामिल होने में मदद करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा हो। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है और ‘हम इसमें जुटे हुए हैं। शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने वांगचुक की हिरासत को उचित ठहराते हुए कहा कि नेपाल आंदोलन और ‘अरब स्प्रिंग’ का हवाला देते हुए उनके कथित भड़काऊ भाषणों के परिणामस्वरूप बुधवार को हिंसा हुई जिसमें चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। बयान में कहा गया है कि वांगचुक की हिरासत शांतिप्रिय लेह शहर में ‘सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए’ उन्हें दोबारा ऐसा काम करने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण थी। एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान लद्दाख में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंदियां लगाई गई हैं।

 

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