चुनावी असरः पटना में 85 साल बाद कांग्रेस सीडबल्यूसी की बैठक

खरी खरी संवाददाता
पटना। लगभग 85 साल बाद कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्लयूसी) बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित की गई। चुनावी साल है, इसलिए कांग्रेस ने इस बैठक को बिहार में करना ज्यादा बेहतर समझा। इस मीटिंग को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं। वजह ये भी है कि अजादी के बाद पहली बार बिहार में कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की बैठक पटना में आयोजित की गई।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में हुई कार्य समिति की बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर हुई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम नेताओं ने झंडे को सलामी दी। इससे पहले पटना पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पटना की धरती पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक नया इतिहास लिख रही है। यह केवल एक बैठक नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और देश को नई दिशा देने की ओर बड़ा कदम है। बिहार चुनाव से पहले, 85 साल बाद अब पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बड़ी बैठक करने के पीछे एक बड़ा मकसद बिहार कांग्रेस में जान फूंकना है। चुनाव में कांग्रेस अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराना चाहती है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हुए हैं। देश भर से 225 नेता, कांग्रेस कार्यसमिति के 39 सदस्य और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस बैठक में पहुंचे । पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह एक ऐतिहासिक दिन है। इससे बड़ा खुशी का दिन क्या हो सकता है कि भारत के पुनर्गठन और भारत की नई आजादी की शुरुआत ‘गणतंत्र’ की धरती से हो रही है। कांग्रेस को लेकर बिहार के करोड़ों जनताओं के भीतर उत्साह है। मुझे उम्मीद है कि बिहार और यूपी में खोई हुई कांग्रेस की पहचान लौटेगी।” कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह एक महत्वपूर्ण राज्य में एक महत्वपूर्ण बैठक है। मेरा मानना है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है और बिहार में हमारे गठबंधन की जीत होगी।” सीडब्ल्यूसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण और अहम बैठक है।” कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने सीडब्ल्यूसी बैठक को लेकर कहा, “हम अपने नेताओं का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी और जोश के साथ तैयार हैं। जिस मुद्दे पर यह सीडब्ल्यूसी बैठक हो रही है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। बिहार की मौजूदा सरकार ने राज्य के हजारों युवाओं को पलायन के लिए मजबूर किया है और यहां अपराध अपने चरम सीमा पर है।”