पांच ग्रहों की साक्षी में मनेगा हनुमान जी का जन्मोत्सव

खरी खरी डेस्क
भोपाल। श्रीराम भक्त पवनसुत हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को पांच ग्रहों की साक्षी में मनाया जाएगा। पूरे देश में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। मंदिरों की रंगाई-पुताई के साथ पवन पुत्र के श्रृंगार के लिए कलाकारों को बुक किया जा रहा है। इस दिन श्री राम और हनुमान जी का सच्चे मन से स्मरण करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती
जाएगा। इस समय मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि और राहु की युति बन रही है। पंचग्रही युति में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमानजी की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा। हनुमान जन्मोत्सव के दिन कलावा की बाती का विशेष महत्व है। कलावा यानी हाथ पर बांधा जाने वाला लाल रंग का पवित्र धागा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार, हनुमान जयंती पर शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती स से ग्रस्त लोग हनुमान जी को चना और गुड़ अर्पित करें। इस दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाने की परंपरा भी है। मान्यता है कि प्रभु की प्रतिदिन उपासना करने से साधक के बड़े से बड़े कष्टों का निवारण होता है। दरअसल, बजरंगबली को अष्ट सिद्धियां और नौ निधि का वरदान प्राप्त है। इसके प्रभाव से वह सभी भक्तों की विपत्तियों को समाप्त करते हुए जीवन में खुशियां भरते हैं। शास्त्रों में संकटमोचन को ऊर्जा, शक्ति, ज्ञान, भक्ति और बल का प्रतीक माना गया। हनुमानजी, भगवान राम के सबसे बड़े भक्त भी हैं, इसलिए उनकी पूजा उपासना से प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद भी मिलता है। पंडित विनोद गौतम व जगदीश शर्मा के अनुसार पांच ग्रहों की साक्षी में ही संकट मोचन हनुमान जी का जन्मोत्सव इस साल मनायाहनुमान जन्मोत्सव के दिन मंदिर में जाएं। दीपक में घी रखें और रूई की बाती की जगह कलावा की बाती बनाकर बजरंगबली के चरणों में प्रज्वलित करें। इसके बाद मंदिर में बैठकर ध्यान करें और अपनी मनोकामना बजरंगबली के सामने रखें। भगवान उसे जल्द पूरा करेंगे।