भाषा विवाद के बीच तमिलनाडू में रुपए का लोगो बदला

खरी खरी संवाददाता

चेन्नै। तीन भाषा नीति पर जारी विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सरकार ने बड़ा क़दम उठाया है। गुरुवार को राज्य सरकार का जो बजट पेश किया गया उसमें रुपए के लोगो (सिंबल) को तमिल अक्षर से बदल दिया गया।

भारत सरकार ने रुपए के जिस सिंबल को स्वीकार्यता दी है वो देवनागरी भाषा के अक्षर  और रोमन के R को मिलाकर बनाया गया है। तमिलनाडु के बजट में इसे हटाकर तमिल अक्षर ரூ को इस्तेमाल किया गया है जिसका मतलब रु है. जबकि पिछले साल (2024-25) के बजट में रुपए का परंपागत लोगो इस्तेमाल किया गया था। ख़ास बात यह है कि यह फ़ैसला ऐसे समय पर लिया गया जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु के बीच विवाद चल रहा है। राज्य की डीएमके सरकार, मोदी सरकार पर हिंदी थोपे जाने का आरोप लगा रही है। बजट में रुपए का लोगो क्यों बदला गया, फ़िलहाल इसे लेकर तमिलनाडु सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस पर सख़्त आपत्ति जताई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके सरकार के आरोप के जवाब में संसद में इसी सप्ताह कहा था, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत में विविध भाषाओं के कल्चर को प्रमोट कर रही है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति राज्यों को ये स्वायत्ता देगी कि वो पाठ्यक्रम में भाषाओं को चुनने की प्राथमिकता तय कर सकें. ये नीति सभी प्रादेशिक भाषाओं का सम्मान करती है. ”

प्रधान ने इसी सप्ताह संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध कर रहे डीएमके सांसदों के बरताव पर आपत्ति जताई थी और उनके लिए जिस शब्द का इस्तेमाल किया था उस पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने सख्त एतराज़ जताया था. जिसके बाद हंगामा मचने पर प्रधान को अपने शब्द वापस लेने पड़े थे.

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