हाथ का साथ छोड़कर भगवा में रंग सकते हैं शशि थरूर

खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली। कांग्रेस के चर्चित सांसद शशि थुरूर पार्टी को अलविदा कहने की तैयारी में हैं। इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन पिछले कुछ दिनों से शशि थरूर की टिप्पणियों और उनकी कार्यप्रणाली को देखते हुए इस तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। शशि तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद हैं।
अलग-अलग वजहों से अकसर चर्चा में बने रहने वाले सांसद शशि थरूर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार अंग्रेज़ी के किसी शब्द, किसी किताब या किसी वक्तव्य के लिए नहीं बल्कि उनको लेकर अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि वो जल्द ही कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं।
इस बात के कयास उनके पिछले कुछ पोस्ट और बयान के बाद से लगाए जा रहे हैं लेकिन उनका अगला क़दम क्या होगा ये साफ़ नहीं है। बीते हफ़्ते शशि थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट किया था जिसके बाद से ये अनुमान लगाया जाने लगा था कि उनके और कांग्रेस पार्टी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने अंग्रेज़ी कवि थॉमस ग्रे के एक वक्तव्य को साझा किया था, जिसका हिंदी में अर्थ है- ‘जहाँ अज्ञान ही सुख है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है।’ इसके बाद लगातार शशि थरूर कुछ ऐसा करते रहे हैं जिसकी सोशल मीडिया पर भी चर्चा है।इससे कई लोग ये भी दावा करने लगे कि शशि थरूर बीजेपी में जा रहे हैं।
साल 2009 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शशि थरूर लगातार चार बार से केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से लोकसभा सांसद हैं। कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को तब और बल मिल गया जब उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के मलयालम पॉडकास्ट से कहा कि अगर उनकी सेवाओं की ज़रूरत नहीं है तो उनके पास ‘विकल्प’ हैं। उन्होंने कहा था, “अगर पार्टी (उनका) इस्तेमाल करना चाहती है तो पार्टी के लिए उपलब्ध रहेंगे। अगर नहीं तो मेरे पास करने के लिए मेरी चीज़ें हैं। आपको नहीं सोचना चाहिए कि मेरे पास दूसरे विकल्प नहीं हैं।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “मेरे पास मेरी किताबें, भाषण, और पूरी दुनिया से बातचीत करने के लिए निमंत्रण हैं।” शशि थरूर ने साफ़ नहीं किया था कि वो किसी पार्टी में शामिल होंगे लेकिन इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में जिस तरह के बयान दिए उसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि वो बीजेपी के नज़दीक जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाक़ात की तारीफ़ की थी। उन्होंने पीएम मोदी के दौरे को काफ़ी अच्छा बताया था। हालांकि अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत भेजने के दौरान उनके साथ किए गए व्यवहार को लेकर थरूर का कहना था कि इसको पीएम मोदी को देखना चाहिए था। उन्होंने एफ़-35 लड़ाकू विमान को ख़रीदने में भारत की दिलचस्पी की तारीफ़ की थी। उन्होंने कहा था कि ये विमान काफ़ी क़ीमती है, लेकिन थरूर के उलट कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस विमान को ख़रीदने में दिलचस्पी की निंदा की थी। सुरजेवाला ने कहा था, “वो एफ़-35 जिसे एलन मस्क ‘कबाड़’ बता चुके हैं उसे नरेंद्र मोदी ख़रीदने पर क्यों तुले हुए हैं।” थरूर ने सोशल मीडिया एक्स पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनल्ड्स के साथ एक सेल्फ़ी पोस्ट की थी। उन्होंने लिखा था, “लंबे समय से रुकी हुई एफ़टीए वार्ता फिर से शुरू हो गई है, जो स्वागत योग्य है।”