मोस्ट वांटेड सौरभ शर्मा 41 दिन बाद कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। छापे में करोड़ों रुपए का सोना और करोड़ों रुपए नगद मिलने के मामले में फरार चल रहे मोस्ट वांटेड सौरब शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। सौरभ के वकील के अनुसार गिरफ्तारी अवैध है क्योंकि सौरभ कोर्ट के बुलावे पर सरेंडर करने कोर्ट जा रहे थे। वह करीब 41 दिन से फरार चल रहा था।

लोकायुक्त पुलिस का दावा है कि सौरभ शर्मा सरेंडर करने जा रहा था, रास्ते में उसे पकड़ा गया है। हालांकि उसकी गिरफ्तारी पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। आशंका तो यहां तक जताई जा रही है कि सौरभ शर्मा ने एजेंसियों को भी मैनेज कर लिया है दरअसल सौरभ शर्मा 41 दिनों से फरार था। लोकायुक्त पुलिस ने ही पहले दावा किया था कि वह दुबई भाग गया है। इसके बाद लुकआउट नोटिस जारी किया गया। इसके बाद उसकी तलाश में तीन केन्द्रीय एजेंसियां इनकम टैक्स, DRI और ED भी जुट गई. बावजूद इसके कोई सुराग तक नहीं मिला। इस बीच सौरभ शर्मा सोमवार को अपने वकील के साथ लोकायुक्त कोर्ट पहुंचा और सरेंडर की अर्जी लगाई। इस अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। इसके लिए वह दोबारा कोर्ट पहुंच गया, लेकिन यहां पहले से तैनात लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया।

लोकायुक्त के खिलाफ दिया आवेदन

सौरभ शर्मा के वकील ने गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट में लोकायुक्त के खिलाफ आवेदन दिया है। उन्होंने जांच एजेंसी पर गैरकानूनी तरीके से जबरन हिरासत में लिए जाने का आरोप लगाया है। आवेदन में अपील की है कि जल्द से जल्द सौरभ शर्मा को न्यायालय में पेश करने के लिए लोकायुक्त को निर्देशित किया जाए। आवेदन में कहा, “आवेदक  को न्यायालय उपस्थित होने से जबरन रोकने व विधि विरुद्ध तरीके से गिरफ्तार किए जाने, जैसे अवैधानिक और विधिविरुद्ध कृत्य किए जाने के सम्बंध में सम्बंधित सभी दोषी लोकायुक्त कर्मियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवश्यक व कड़ी कानूनी कार्यवाही किए जाने की कृपा करें, ताकि आमजन का भरोसा व विश्वास कानून व न्यायालयीन प्रक्रिया में कायम बना रहे।”

वकील ने बताया- कल ही कर दिया था सरेंडर 

सौरभ शर्मा के वकील ने आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया कि कल ही सौरभ शर्मा ने खुद को कोर्ट के सामने पेश होकर आत्मसमर्पण कर दिया था। कोर्ट ने आज की तारीख दी थी। कोर्ट आने के दौरान ही लोकायुक्त ने गैर कानूनी तरीके से सौरभ को गिरफ्तार कर लिया।

 IT ने बरामद किया था सोना और कैश

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे।

52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश

कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ED और IT भी सक्रिय हो गई।

 ED ने कई ठिकानों पर मारा था छापा

27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए।

6 करोड़ से ज्यादा की FD बरामद

सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD मिली है। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला है। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया है।

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