मोहन सरकार की सातवीं रीजनल इंडस्ट्रियल कांक्लेव 16 को शहडोल में

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 15 जनवरी। एमपी के सीएम डा मोहन यादव की सरकार के ड्रीम प्लान रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सातवां चरण 16 जनवरी को शहडोल में होने जा रहा है। यह फरवरी में होने वाली ग्लोबल इंडस्ट्रियल समिट के पहले आखिरी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव होगी। इस समिट से पहले ही शहडोल में निवेशकों ने धन वर्षा की तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शुरू होने से पहले ही 20 हजार करोड़ रु के निवेश का प्रस्ताव मिल चुका है। इसमें खनन, ऊर्जा और पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों में अच्छा निवेश आने की उम्मीद है।

आदिवासी बहुल जिले शहडोल में होने जा रही समिट में सरकार को निवेश की काफी उम्मीदें हैं। सबसे ज्यादा खनिज, पर्यटन और ऊर्जा सेक्टर में निवेश की उम्मीद है। दरअसल, खनिज संपदा से भरपूर शहडोल जिला देश के प्रमुख कोयला उत्पादक स्थानों में आता है। यहां मीथेन गैस, फायर क्ले सहित कई खनिज मौजूद हैं। सोहागपुर कोलफील्ड एशिया के सबसे बड़े कोलफील्ड में गिना जाता है। मध्य प्रदेश में अब तक 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुके है। पहला कॉन्क्लेव उज्जैन में हुआ था जिसमें 1 लाख करोड़ का निवेश आया था। दूसरा कॉन्क्लेव 20 जुलाई 2024 को जबलपुर में हुआ था, इसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए थे। इसी प्रकार ग्वालियर में आयोजित तीसरे कॉन्क्लेव में 8 हजार करोड़, सागर में आयोजित चौथे कॉन्क्लेव में 23 हजार 181 करोड़, रीवा में आयोजित पांचवे कॉन्क्लेव में 30 हजार 814 करोड़ और दिसंबर में नर्मदापुरम में हुए छठे कॉन्क्लेव में 31 हजार 800 करोड़ के प्रस्ताव मिले थे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हर जिले में इन्वेस्टर्स फैसिलिटेशन सेंटर शुरू करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टरों को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है. इसके साथ ही सीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले ही अपने विभाग से संबंधित सभी समस्याओं को चिन्हित कर उन्हें दूर कर लें.

 

 

 

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