राज्य संग्रहालय के 80 प्रतिशत कैमरे बंद, चोरी के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं

 भोपाल। राज्य संग्रहालय में 15 करोड़ रुपये कीमत की पुरातत्व संपदा की चोरी के बावजूद संग्रहालय का प्रशासन सुस्त बना हुआ है। चोर किसी तरह पकड़ा तो गया, लेकिन संग्रहालय के प्रशासन ने घटना से कोई सीख नहीं ली। यही वजह है कि चोरी की वारदात के बावजूद सुधार की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है।

परिसर में लगे हैं 100 सीसीटीवी कैमरे

 

राज्य संग्रहालय की सभी 17 गैलरियों सहित पूरे परिसर में करीब 100 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनमें से 80 प्रतिशत कैमरे बंद अवस्था में हैं। यह स्थिति पिछले दो वर्षों है। इसको लेकर एक वर्ष पहले संग्रहालय के क्यूरेटर मनोहर सिंह उइके ने संबंधित एजेंसी सीपीए को सुधार के लिए पत्र लिखा था।

परंतु उनकी ओर से कोई कार्य नहीं किया गया। एक बार औपचारिकताएं पूरी करने के बाद संग्रहालय के प्रशासन ने भी दोबारा कोई प्रयास नहीं किया। नतीजन खराब कैमरों में सुधार नहीं हुआ और चोरी की किसी अधिकारी या कर्मचारी को भनक तक नहीं लग सकी।

पुरातत्व संपदा की अनदेखी को लेकर चेता चुका है कैग

 

पुरातत्व संपदा की अनदेखी को दो साल पहले कैग ने अपनी रिपोर्ट में रेखांकित किया था। कैग ने 2022 की रिपोर्ट में प्रदेशभर की पुरातत्व संचालनालय की सभी संपत्तियों में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर विभाग को चेताया था। उसमें उल्लेखित किया गया था कि प्रदेश के विभिन्न संग्रहालयों में संरक्षित 42 हजार से अधिक प्रतिमाएं असुरक्षित हैं। न तो उन्हें व्यवस्थित रखा गया है और न ही उनकी निगरानी के लिए उपर्युक्त सुविधाएं हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी, कैग की इस नसीहत से मुंह मोड़े रहे और चोरी के रूप में खामियाजा भुगतना पड़ा।

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