राजस्व वसूली का काम निजी हाथों में दिए जाने को लेकर शहर सरकार में संशय

 भोपाल। नगर निगम भोपाल द्वारा राजस्व वसूली का जिम्मा निजी एजेंसी को सौंपा जाना है इसको लेकर पूर्व में किए किए प्रयोग विफल रहे है । ऐसे में एक बार फिर से इस काम को निजी एजेंसी को सौंपा जाए या नहीं? इसको लेकर निगम प्रशासन में संशय है। लिहाजा महापौर परिषद की आगामी बैठक के एजेंडे में यह मुद्दा होगा या नहीं, इसको लेकर महापौर मालती राय से लेकर राजस्व प्रभारी जगदीश यादव सहित अधिकारी भी कुछ भी स्पष्ट कहने को तैयार नहीं है।

हर बार रहे हाथ खाली

बता दें कि राजस्व वसूली का काम निजी हाथों में सौंपने को लेकर नगर निगम का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। उसकी ओर से तीन बार यह कवायद की गई, लेकिन तीनों ही बार या तो एजेंसी काम छोड़कर भाग गई या अपेक्षित नतीजे न मिलने पर राजस्व वसूली का काम उनसे वापस ले लिया गया।

एमआईसी बैठक का इंतजार

इस मामले को लेकर इस माह के अंत या सितंबर की शुरुआत में महापौर मालती राय महापौर परिषद की बैठक करेंगी, जिसमें एजेंडा तय होगा। हालांकि वसूली का काम निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर संशय है, लिहाजा इस बार भी शायद यह प्रस्ताव न आए। वहीं निगम के जानकारों की मानें तो इस बार भी यदि प्रस्ताव आया तो इस प्रयोग के विफल होने की पूरी संभावनाएं है।

जल्द होगी परिषद की बैठक

उधर नगर निगम परिषद की बैठक सितंबर माह के पहले सप्ताह में संभावित है। निगम के नियमानुसार हर दो माह बाद परिषद की बैठक बुलाना अनिवार्य है। जल्द ही मेयर मालती राय और निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी जल्द ही परिषद की बैठक की तारीख तय करेंगे। सूत्र बताते है कि सितंबर माह के पहले सप्ताह में बैठक होने की संभावनाएं हैं।
इनका कहना है
इस मामले को एमआईसी में रखा जाएगा। सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा। पूर्व के अनुभवों को भी ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
– मालती राय, महापौर, भोपाल नगर निगम

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