सीएम ने पूछा-हेल्थ में एमपी देश में किस नंबर पर:जवाब नहीं दे पाए अधिकारी; फिर डिप्टी सीएम ने संभाला मामला

मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की देश में क्या रैंकिंग है? सीएम ने जब मंच से ये सवाल पूछा तो प्रमुख सचिव हेल्थ संदीप यादव और एमडी नेशनल हेल्थ मिशन डॉ. सलोनी सिडाना उन्हें संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे पाए। फिर डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने मामला संभाला।

दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को प्रदेश के 21 जिलों के 87 आदिवासी ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद उन्होंने सीएम हाउस के समत्व भवन में हुए कार्यक्रम को संबोधित किया।

सीएम के अफसरों से सवाल-जवाब

सीएम– अभी मुझे मालूम नहीं है कि रैंकिंग में देश के परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग का कौन सा नंबर है?

पीएस हेल्थ– सभी स्कीम में हम टॉप 3 में है।

सीएम- स्कीम में हैं या हेल्थ डिपार्टमेंट में, मंत्रालय के लेवल पर पूरे देश में किस स्थान पर हैं?

पीएस हेल्थ– डिपार्टमेंट वाइज नहीं होती। अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग प्रोग्राम हैं जैसे सिकल सेल है, टीबी है।

सीएम- जैसे मैं एजुकेशन की बात करूं या दूसरे डिपार्टमेंट की तो देश के सबसे अच्छे राज्यों में हेल्थ के मामले में हमारा राज्य किस नंबर पर है? मामले को संभालते हुए बीच में डिप्टी सीएम शुक्ला बोले- आईएमआर (शिशु मृत्यु दर) और एमएमआर (मातृ मृत्यु दर) को छोड़ दें तो बाकी चीजों में हम अच्छी स्थिति में है। आईएमआर और एमएमआर को सुधारने का भी रोड मैप बनाया गया है।

सीएम- मेडिकल एजुकेशन किस श्रेणी में है? पिछले 5- 10- 20 साल में हमने किसको बीट किया? हम कहां से आगे बढ़ रहे हैं? मेडिकल कॉलेज खोलने की दृष्टि से? आयुष डिपार्टमेंट भी आप ही देखते हैं?

पीएस हेल्थ– नहीं वो आहूजा जी देखते हैं।

सीएम ने यह भी कहा

कार्यक्रम में सीएम ने एनएचएम की एमडी डॉ सलोनी सिडाना से पूछा- सभी जिलों में एक्सरे मशीन की व्यवस्था हो गई क्या? सिडाना ने कहा सर सभी जिलों में व्यवस्था हो गई। सीएम ने कहा कहीं फंड की दिक्कत हो तो चाहे सीएसआर फंड से या मेरे फंड से हम सभी व्यवस्थाएं करेंगे। कंजूसी करने की जरूरत नहीं हैं। भविष्य में आप जब भी बुलाओगे तो हमारी तरफ से टॉप प्रायोरिटी हेल्थ डिपार्टमेंट को रहेगी। सीएम ने कहा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा शर्तों को लेकर कोई कठिनाई है तो सरकार पूरी तरह संवेदनशीलता से काम करेगी। बड़े पैमाने पर पदों की पूर्ति करने के लिए हमने अनुमति दी है। उनके आधार पर हम भर्तियां करते जा रहे हैं। जितनी जल्दी भर्ती होगी उतना लाभ मिलेगा।

झाबुआ में शुरू करेंगे मेडिकल कॉलेज

सीएम ने आगे कहा- हमने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के लिए टेंडर किए हैं। 13 जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए टेंडर किए हैं। जैसे प्राइवेट सेक्टर वाले अपना कॉलेज खोल रहे हैं। हम प्रमोट कर रहे हैं कि सरकारी विभाग आपस में अपना कॉलेज खोलें। विभागों के बीच तालमेल रहे। अभी झाबुआ मेडिकल कॉलेज से बचा हुआ था। झाबुआ देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कार्यक्षेत्र में आता है। स्वाभाविक रूप से हम अपने हॉस्पिटल को कुछ समय के लिए उन्हें दें और बाद में वे अपना हॉस्पिटल बनाए तो इससे हमारे जो भावना है वह नीचे तक पहुंचेगी। CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- हमारे राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी इस बात का आग्रह करते हैं कि सिकल सेल एनीमिया की जो परेशानियां हैं उससे आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए यदि इसकी समय से जांच हो जाए और ठीक से उपचार कर दें तो उसे बचा जा सकता है। जानकारी और इलाज के अभाव में इस बीमारी का प्रसार होता है। सीएम ने कहा मुझे मालूम है कि एक विभाग ने एक तरह से बीमारियों को टॉप प्रायरिटी पर लिया है हमने कोशिश की है।

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