सायबर ठगों की मदद करने वालों को चस्का लगा तो खुद ट्रेनिंग लेने चले गए

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 9 जनवरी। सायबर ठगों की मदद करने वालों को खुद ठगी करने का चस्का लग गया तो उन्होंने दिल्ली, हरियामा, हैदारबाद जाकर आन लाइन सायबर ठगी की बाकायदा ट्रेनिंग ली। पुलिस ने ठग गिरोह के 12 लोंगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक आन लाइन ठगी के एक मामले में राशि सतना के एक बैक खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। इस आधार पर स्टेट सायबर सेल की टीम ने सतना में दबिश दी तो कई बैंक खाते पकड़ में आ गए जिनमें ठगी की राशि ट्रांसफर होती थी। इसी आधार पर पुलिस ने हैदारबाद में कुछ लोगों को हिरासत में लिया। सभी से पूछताछ के बाद सामने आई कहानी ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। असल में सतना के कुछ लोग सायबर ठगों को अपने खाते ठगी की राशि ट्रांसफर करने के लिए उपलब्ध कराते थे। इससे मिलने वाले कमीशन कीलालच में इन दलालों को ठगी करने का चस्का लग गया। इसके बाद इन्होंने गिरोह के लोगों से संपर्क कर ठगी सीखने का अनुरोध किया। उसी आधार पर कई लोगों को दिल्ली और हरियामा भेजकर ठगी का प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस ने दो दिन पहले हैदराबाद ओर सतना में कार्यवाही करते हुए ऑनलाइन ठग गिरोह से जुड़े 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस अब ऑनलाइन ठगी का प्रशिक्षण देने वाले गिरोह के सदस्यों के बारे में पता लगा रही है। पूछताछ में कई अन्य सुराग भी पुलिस के हाथ लगे है।

ऑनलाइन ठगी के मामले में सतना के एक बैंक खाता में राशि जमा होने का पता चला था। इस खाते का पीछा करते हुए स्टेट साइबर सेल सतना पहुंची थी। जांच में सतना में ऐसे कई बैंक खाते सामने आए थे, जिसमें साइबर धोखाधड़ी और ठगी की राशि जमा हो रही थी।दूसरे राज्य में बैठे शातिर ठग ऑनलाइन राशि सतना के कई लोगों के बैंक खाता में जमा कर रहे थे। प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर कमीशन देते थे। इस खेल में कुछ खाताधारक ऐसे भी थे जिनकी जानकारी के बिना बैंक कर्मियों की मिली भगत से ऑनलाइन ठगी राशि का आदान-प्रदान हो रहा था। मामले में स्टेट साइबर सेल ने जबलपुर, मैहर और सतना निवासी 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से 15 लाख रुपये जब्त हुए है। ठगी में उपयोग होने वाले 20 मोबाइल फोन, आठ लैपटाप, 17 बैंक खाता की पासबुक, 48 एटीएम कार्ड, चेकबुक, स्वाइप मशीन मिले है।गिरफ्तार आरोपितों के पास से 19 फर्जी सिमकार्ड जब्त हुई है। इन सिमकार्ड का उपयोग साइबर ठगी के लिए बैंक खाता खुलवाने में किया जाता था। सिमकार्ड अन्य लोगों के नाम पर है।जांच में सामने आया है कि ठगी और उसे लेन-देन के लिए आरोपितों ने फर्जी तरीके से सिमकार्ड निकलवाई थी। ये सिमकार्ड सतना और जबलपुर से क्रय किए गए थे। फर्जी सिमकार्ड बेचने वालों को ढूंढा जा रहा है।

सिमकार्ड के खेल में दूरसंचार कंपनियों के प्रतिनिधियों और इनके बैंक खाता में उपयोग को लेकर बैंक प्रतिनिधियों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। ये भी स्टेट साइबर सेल के निशाने पर है।

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