संगीत से सियासत की राह पर चल पड़ी मिथला की होनहार बेटी
मैथिली ठाकुर बीजेपी में शामिल, विधानसभा चुनाव लड़ना तय

खरी खरी संवाददाता
पटना। मैथिली और भोजपुरी में अपने लोकगीतों तथा भजन और शास्त्रीय गायन के लिए देश का जाना पहचाना चेहरा बन चुकीं युवा गायिका मैथिली ठाकुर संगीत से सियासत की राह पर चल पड़ीं। सिर्फ 25 साल की उम्र में ख्याति के सिंहासन पर बैठ चुकीं मिथला की होनहार बेटी ने बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने मंगलवार को पटना में राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। बिहार विधानसभा चुनावमें उनका प्रत्याशी बनना तय है।
इस मौक़े पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि “पूरी दुनिया मिथिला की बेटी लोक गायिका मैथिली ठाकुर को सलाम करती है।” बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, “सब लोगों ने ठाना है कि एनडीए की सरकार को लाना है।” उन्होंने कहा, “बिहार एनडीए सरकार में आगे बढ़ेगा और विकसित होगा। महिलाओं का सशक्तीकरण, ग़रीब का कल्याण, युवाओं का भविष्य, किसानों का कल्याण।। हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसी प्राथमिकता के साथ हम चुनाव में मतदाता के पास जाने वाले हैं।”
मैथिली ठाकुर ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं और नीतीश कुमार से प्रेरित होकर उनके सहयोग के लिए खड़ी हैं। उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल में शामिल होने का मतलब यह नहीं है कि मैं नेता बनने आई हूं। मैं समाजसेवा के लिए आई हूं। मैं मिथिला की बेटी हूं और मेरे प्राण मिथिलांचल में बसते हैं।”मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि वो सिर्फ़ पार्टी का सहयोग करने के लिए आई हैं और पार्टी जैसा आदेश देगी वो उसे मानेंगी। इससे पहले दिन में मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने को लेकर कहा था कि उन्हें पार्टी जो आदेश देगी, उसका वह पालन करेंगी। बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं है। पार्टी मुझे जो आदेश देगी, उसका मैं पालन करूंगी।”
बीजेपी में शामिल होने से पहले मैथिली ठाकुर ने कहा था कि वह बिहार में एनडीए का भविष्य देखती हैं क्योंकि उन्होंने एनडीए सरकार में बिहार में बदलाव देखा है। मैथिली ठाकुर चुनाव लड़ेंगी या नहीं, यह अभी साफ़ नहीं है।मैथिली ठाकुर तक़रीबन पांच सालों से सोशल मीडिया का जाना-पहचाना चेहरा हैं।वह सबसे पहले तब सुर्ख़ियों में आई थीं जब वह अपने दो भाइयों के साथ मिलकर गीतों के वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करती थीं।आज मैथिली की उम्र तक़रीबन 25 साल है और यूट्यूब पर उनके पांच मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं इंस्टाग्राम पर उनके 6।4 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। मैथिली ठाकुर मूल रूप से बिहार के मधुबनी ज़िले से ताल्लुक रखती हैं लेकिन उनकी परवरिश और पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। उनके पिता रमेश ठाकुर भी संगीतकार रहे हैं जिनकी वजह से उनके घर में हमेशा से संगीत का माहौल रहा। उनके पिता रमेश ठाकुर ने मैथिली, उनके दोनों भाइयों के गीत गाते हुए वीडियो पहले यूट्यूब पर अपलोड करने शुरू किए जिसमें तीनों की जुगलबंदी देखते बनती थी। मैथिली के साथ उनके बड़े भाई तबले पर और उनके छोटे भाई दूसरे वाद्ययंत्रों पर रहते थे। सोशल मीडिया पर चर्चित नाम बनने के बाद अब मैथिली के लोक गीतों, शास्त्रीय गायन और भजन के कई एलबम आ चुके हैं। मैथिली अपने लोक गीतों, शास्त्रीय गायन और भजन के वीडियो अपने यूट्यूब अकाउंट पर भी अपलोड करती हैं। उनके लोक गीतों में भोजपुरी और मैथिली भाषा के गीत प्रमुख रूप से शामिल हैं।