यूनियन काबाइड का कचरा पीथमपुर में जलाने का रास्ता साफ

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इंदौर। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का रास्ता साफ हो गया है। कचरा पीथमपुर में जलाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कचरे के टैंकर पीथमपुर की उस फैक्ट्री में खड़े हैं जहां कचरा जलाया जाना है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार सुबह मामले को लेकर हुई सुनवाई में कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने शासन के उस जवाब को भी रिकॉर्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से पूछा था कि धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होगी, तो उससे निपटने के लिए उसके पास क्या इंतजाम हैं। गुरुवार को सरकार ने जवाब दाखिल कर दिया। याचिका में आरोप था कि कचरा जलाने के दौरान अकस्मात आपदा होने की स्थिति में आपदा प्रबंधन के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।याचिकाकर्ता का आरोप था कि जिस जगह कचरा जलाया जाना है, वहां से 250 मीटर दूर एक गांव है। एक किमी के दायरे में तीन अन्य गांव हैं, लेकिन स्थानीय नागरिकों को वैकल्पिक स्थान तक उपलब्ध नहीं करवाया गया। कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे का निस्तारण करा रही है। इसके लिए जनवरी में 337 टन कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर स्थित संयंत्र में लाकर उसे जलाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने कचरे के जलने से उसकी जहरीले तत्वों का जलवायु पर दुष्प्रभाव होने की आशंका जताते हुए विरोध कर दिया था।गुरुवार को इंसीनरेटर में ड्राई रन शुरू किया गया। करीब 12 घंटे तक इंसीनरेटर को चालू कर इसके प्रथम चेम्बर में 850 से 900 डिग्री सेल्सियस व दूसरे चेम्बर में 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचाया जाएगा। इसके बाद यूनियन कार्बाइड के कचरे को इंसीनरेटर में डालकर जलाने की प्रक्रिया शुरू होगी। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

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