मोदी सरकार-3 के पहले बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी कई एलान किए हैं। स्टार्टअप्स से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड तक पर लोन की सीमाएं बढ़ा दी गई है। इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होनेवाली आय पर कर कटौती की सीमा को मौजूदा 50 हजार रुपये से दोगुना करके एक लाख रुपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आठवीं बार बजट प्रस्तुत किया। बजट में गरीब, युवा, किसान पर विशेष बजट दिया गया। बजट 2025-26 में एम.एस.एम.ई. को 5 करोड़ से 10 करोड़। स्टार्टअप के लिए 10 से 20 करोड़ से युवाओं को उद्योग लगाने एवं रोजगार में वृद्धि होगी। 10000 मेडिकल सीट बढ़ाई गई। शोध के लिए 12000 करोड़ से 20000 करोड किये गये है। आई.आई.टी. में 65000 सीट बढ़ाई गई है। अटल टिंकरिंग लैब्स 50000 स्कूलों को देने की बात की गई है, जिससे शोध एवं विज्ञान को बढ़ावा मिलेगा। लेदर इंडस्ट्री में 22 लाख लोगों को रोजगार के साथ-साथ खिलौना के लिए ग्लोबल हब बनाने की बात बजट में की गई है। लेकिन 50.65 लाख करोड़ की बजट में केवल आय 34.96 लाख करोड़ है यानी 15.69 लाख करोड़ घाटे का बजट ठीक नहीं है लेकिन दूसरी और 12 लाख की आय में टैक्स में छूट दी गई है। निश्चित रूप से इस बजट में युवाओं के लिए नौकरी, शिक्षा, शोध पर विशेष बजट दिया गया है। लेकिन इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई. से भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में कार्य कर रही कंपनियों को दिक्कत आयेगी। 15.69 लाख करोड़ का घाटे का बजट भी अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। भारत अगले 33 साल में बुजुर्ग देश की कतार में शामिल हो जायेगा। भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़ा है लेकिन यह अभी भी उच्च आय वाले देशों के स्तर का केवल 18 प्रतिशत है। ऐसे में प्राईवेट सेक्टर के साथ साथ गवर्नमेंट सेक्टर में रोजगार बढ़ाना होगा। रेलवे, बैंक, शिक्षा क्षेत्र में अभी भी 65 प्रतिशत से अधिक रोजगार की संभावनाएं है। बजट में किए गए प्रावधानों से अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास और रियल एस्टेट को मजबूती मिलने की उम्मीदें बढ़ गई है।