मानवाधिकार आयोग के सदस्य को मछली गैंग ने दिया प्रलोभन

खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो के दिल्ली स्थित शासकीय आवास पर शारिक मछली गैंग से जुड़ा एक गुर्गा पहुंच गया। उसने खुद को जैनेंद्र पाठक बताते हुए कहा कि वह मध्य प्रदेश का निवासी है और भोपाल के शारिक मछली के साथ प्रॉपर्टी का कारोबार करता है।
कानूनगो ने बताया कि उस व्यक्ति ने उनसे मुलाकात कर कहा कि वो भोपाल वाले शारिक मछली का साथी है, उसका बहुत नुकसान हो गया है, इसलिए उसे छोड़ दीजिए। इस दौरान उसने प्रॉपर्टी सौदे के नाम पर प्रलोभन देने की भी कोशिश की। प्रियंक कानूनगो ने सख्त नाराजगी जताते हुए जैनेंद्र को फटकार लगाई और तत्काल बाहर निकलवा दिया। आरोपी अपने साथ लाई मिठाई भी देना चाहता था, लेकिन कानूनगो ने मना कर दिया। बाद में वह मिठाई घर के दरवाजे पर छोड़कर वहां से भाग गया। घटना की जानकारी प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने लिखा कि हमने पुलिस को शिकायत कर दी है। पुलिस मिठाई का डिब्बा जब्त कर जांच कर रही है। बता दें, सारिक उर्फ शारिक मछली गैंग पर पहले से ही कई संगीन आरोप दर्ज हैं। इनमें हिंदू लड़कियों को ड्रग्स देना, दुष्कर्म करना, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना और जबरन धर्मांतरण कराना शामिल है। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि उनके निर्देश पर वंचित तबके के हिंदू केवट और मांझी समाज के वंशानुगत अधिकार वाले तालाबों पर शारिक मछली द्वारा कब्जे और मत्स्याखेट के मामलों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जांच पूरी सख्ती और सत्यनिष्ठा से की जाएगी। प्रियंक कानूनगो ने साफ कहा है कि किसी भी तरह के प्रलोभन और दबाव के आगे वे झुकने वाले नहीं हैं और समाज विरोधी गतिविधियों को उजागर करते रहेंगे।