एमपी और महाराष्ट्र के बीच आर्थिक साझेदारी बढ़ाने पर सीएम का जोर

मुंबई के इंटरैक्टिव सेशन में 74 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले

खरी खरी संवाददाता

मुंबई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश और महाऱाष्ट्र के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव की तरह आर्थिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए महाराष्ट्र के उद्यमियों से मध्यप्रदेश में निवेश का आह्वान किया  है। सीएम मुंबई में आयोजित “इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश” में बोल रहे थे। इस सत्र में 74 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ-साथ अब आर्थिक साझेदारी को भी नया आयाम देने का समय है। मध्यप्रदेश में निवेश की अनंत संभावनाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के उद्यमियों से प्रदेश में निवेश का आह्वान किया। मुंबई में आयोजित “इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश” में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल और सरल नीतियों के कारण निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इस सत्र में 74,300 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 19,900 करोड़ और अन्य क्षेत्रों में 54,400 करोड़ शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने 20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा की, जिसमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और फार्मास्युटिकल्स जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाशी गईं। उन्होंने निवेशकों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस सत्र के परिणामस्वरूप प्राप्त निवेश प्रस्तावों से लगभग 7,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

नीतियों ने निवेशकों का भरोसा जीता 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए 18 नई नीतियां लागू की गई हैं, जो इस वर्ष भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पेश की गई थीं। इन नीतियों ने निवेशकों का भरोसा जीता है और प्रदेश में निवेश की रफ्तार को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में संभागीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर छोटे शहरों को भी औद्योगिक विकास से जोड़ा जा रहा है। नर्मदापुरम के मोहासा-बाबई में भारत का पहला अत्याधुनिक ‘मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन फॉर पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट’ फेज 2 निवेशकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहा, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर 2025 है।
शिवाजी महाराज का स्मरण

मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, सिंधिया, होल्कर और पवार जैसे महानायकों ने दोनों राज्यों के गौरवशाली इतिहास को समृद्ध किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उज्जैन में बाबा महाकाल की ध्वजा गर्व से लहराती है, उसमें शिवाजी महाराज का योगदान अविस्मरणीय है। अब समय है कि दोनों राज्य उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में भी एक-दूसरे के पूरक बनें।

उद्योगपतियों के साथ हुई चर्चा 
इस सत्र में सन फार्मा के अध्यक्ष दिलीप सांघवी, सीआईआई के अध्यक्ष नील सी. रहेजा, हिंडाल्को के प्रबंध निदेशक सतीश पाई, हेत्तिच के प्रबंध निदेशक आंद्रे एकहोल्ट सहित कई प्रमुख उद्योगपति उपस्थित थे। कार्यक्रम में दो राउंडटेबल मीटिंग्स आयोजित की गईं। पहली मीटिंग में विभिन्न देशों के राजनयिकों के साथ द्विपक्षीय व्यापार और विदेशी निवेश पर चर्चा हुई, जबकि दूसरी मीटिंग नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माताओं के साथ हुई, जिसमें नर्मदापुरम के मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन में निवेश की संभावनाओं पर जोर दिया गया

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