महाकुंभ में मौनी अमावास्या के अमृत स्नान की होड़ में 30 मौतें
खरी खरी संवाददाता
प्रयागराज। दुनिया के सबसे बडे धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेले में मौनी आमावस्या के मौके पर भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन की तत्तपरता तथा आपात स्थिति के लिए पहले से की गई रिहर्सल के चलते हादसा बहुत गंभीर रूप नहीं ले पाया। पुलिस ने मिनटों मे ही ग्रीन कारीडोर तैयार कर दिया और एंबुलेंस को घटना स्थल से अस्पताल तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर संगम तट पर मध्य रात्रि से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। यही नहीं, बड़ी संख्या में एक दिन पहले से ही श्रद्धालु संगम तट पर डटे हुए थे। इससे घाटों पर भीड़ अनियंत्रित हो गई थी। मौनी अमावस्या का स्नान रात्रि डेढ़ बजे से ही शुरू हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद जिस तेजी से हालातों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया, वह वाकई यूपी (UP Police) की पुलिस फोर्स के प्रोफेशनलिज्म को दर्शा रहा है। मेला प्रशासन की मानें तो भारी भीड़ के चलते हादसा हुआ।प्रशासन ने पहली बार आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। डीआईजी ने बताया कि बैरीकेडिंग टूटने की वजह से हादसा हुआ। मृतकों में करीब 25 लोगों की पहचान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया। घटना के बारे में बात करते करते सीएम योगी भावुक हो गए। दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई। भगदड़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी ने सुबह से करीब चार बार सीएम योगी से बातचीत की। अमित शाह और जेपी नड्डा भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। एहतियात के तौर पर महाकुंभ में अखाड़ों के अमृत स्नान पर सुबह रोक लगा दी गई। मगर दोपहर में इसकी शुरुआत हो गई है। सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया।
कुंभ मेले की परंपरा के मुताबिक, सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं जिसमें क्रम में पहले स्थान पर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान करता है. त्रिवेणी संगम – गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम – हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है.