मप्र में मेयर और अध्यक्ष के चुनाव जनता की वोटिंग से होंगे
मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला

खरी खरी संवाददाता
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय चुनावों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। नगर निगमों के महापौर का निर्वाचन पहले की तरह प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। सीधे जनता वोटिंग करके महापौर चुनेगी। इसके साथ ही नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव भी अब इसी प्रणाली से होगा। इसके लिए विधानसभा में सरकार संशोधन विधेयक लाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इनमें सबसे बड़ा फैसला नगरीय निकायों की चुनाव प्रणाली से जुड़ा रहा। अब नगर पालिका परिषद और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी आगामी आम चुनाव वर्ष 2027 से मतदाता सीधे अपने वोट से अध्यक्ष का चयन करेंगे। वर्ष 2022 तक नगर पालिका और परिषदों में अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होता था, लेकिन बाद में इसे बदलकर अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू कर दी गई थी। इसमें पार्षदों के मतों से अध्यक्ष चुना जाता था। इस व्यवस्था में राजनीतिक जोड़-तोड़ और अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। जनता का सीधा जनादेश ही लोकतंत्र की असली ताकत है। नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों को बार-बार अविश्वास प्रस्तावों से बचाने के लिए उनके प्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था लागू करने का कैबिनेट ने निर्णय लिया है। इसी दृष्टि से नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंजूरी दी गई है। इसके तहत मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 19, 20(2), 32 से 35, 43, 45, 47, 55, 63 और 328 सहित कई धाराओं में संशोधन किया जाएगा।अध्यक्ष के प्रत्यक्ष चुनाव की यह नई व्यवस्था वर्ष 2027 के नगरीय निकाय चुनाव से लागू होगी। तब जनता अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए सीधे अध्यक्ष का चुनाव करेगी। सरकार का कहना है कि इस बदलाव से पारदर्शिता बढ़ेगी और अविश्वास प्रस्तावों के कारण बार-बार पैदा होने वाली अस्थिरता समाप्त होगी