मप्र में बाघों की मौत के विवाद में हटाए गए वन्यप्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन, एनटीसीए ने लिया था संज्ञान

भोपाल। बाघों की मौत से मध्य प्रदेश की देशभर में हुई किरकिरी के बाद अंतत: राज्य के कार्यवाहक वन्यप्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन को हटा दिया गया है। तीन साल में केवल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ही 34 बाघों की मौत हो गई। वहीं अन्य नौ बाघों की मौत शहडोल क्षेत्र में हुई। इस तरह कुल 43 बाघों की मौतों पर एसआईटी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन शुभरंजन सेन इस रिपोर्ट को छुपाते रहे और अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की।

अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा

रिपोर्ट में बाघों की मौत के पीछे अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा जताया गया था। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की भी बात कही गई थी और इस दिशा में जांच की अनुशंसा की गई, लेकिन शुभरंजन सेन ने इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया। इतनी अधिक संख्या में बाघों की मौतों ने दिल्ली में बैठे अधिकारियों तक को चौका दिया।

नईदुनिया ने किया था कई मामलों का खुलासा

उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले की पड़ताल करते हुए नईदुनिया ने वर्ष 2021 से 2023 के बीच बांधवगढ़ और शहडोल वन क्षेत्र में बाघों की मौत में चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डालती खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की थीं। बाघों की मौत की खबरों को श्रंखलाबद्ध लगातार प्रकाशित करने का परिणाम यह रहा है कि वन्यप्राणी शाखा को बांधवगढ़ प्रबंधन को नोटिस जारी करना पड़ा था। इस पूरे मामले में सेन ने खामियों को स्वीकार करते हुए लिखा था कि एनटीसीए द्वारा स्थापित प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया था।
एनटीसीए ने किया सरकार से जवाब-तलब
नईदुनिया में प्रकाशित खबरों के चलते इस पूरे मामले में एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) ने भी संज्ञान लिया और राज्य सरकार से जवाब-तलब किया। इसके चलते बाघों की सुरक्षा और वन्यप्राणी प्रबंधन में विफल रहे शुभरंजन सेन को हटाकर कार्ययोजना और वन भू-अभिलेख के पीसीसीएफ व्हीएन अम्बाडे को मप्र का वन्य प्राणी अभिरक्षक बनाया गया है। अम्बाडे महाराष्ट्र के नागपुर में वन उप महानिदेशक भी रह चुके हैं।

 

अंतरराष्ट्रीय एनजीओ की जांच करा रहा वन विभाग
  • बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के शिकार की अंतरराष्ट्रीय साजिश का अंदेशा होने के बाद मध्य प्रदेश में बाघ संरक्षण से जुड़े अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी जांच के घेरे में आ गए हैं।
  • वन विभाग ऐसे सभी एनजीओ की भूमिका की जांच करा रहा है। इनके अलावा उन विदेशी नागरिकों की भूमिका को लेकर भी जांच की जाएगी जो टाइगर रिजर्व में सक्रिय रहे हैं।
  • विदेशी नागरिक किन लोगों से मिले या उनकी गतिविधियां संदिग्ध तो नहीं थी, इन सभी बिंदुओं पर पड़ताल की जाएगी।
  • बांधवगढ़ प्रबंधन, पुलिस से अंतरराष्ट्रीय साजिश और विदेश फंडिंग की भी जांच करा रहा है इसके लिए उमरिया एसपी को पत्र लिखा गया है।

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