मप्र ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की रखी मांग
सीएम डा मोहन यादव ने वित्त आयोग के साथ बैठक में उठाया मुद्दा

खरी खरी संवाददाता
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्रीय वित्त आयोग से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की है। सरकार का तर्क है कि राज्य की जरूरतें बड़ी हैं और केंद्र के सहयोग के बिना विकास संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय वित्त आयोग के साथ बैठक में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने राज्य के कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और उद्योग जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास का जिक्र किया। उन्होंने वित्त आयोग से केंद्र करों में राज्य की हिस्सेदारी 41% से बढ़ाकर 48% करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य मजबूत होंगे और राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की प्रगति का ब्यौरा देते हुए बताया कि राज्य कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन, पर्यटन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में और विकास के लिए केंद्र सरकार से मजबूत वित्तीय सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में मध्यप्रदेश को भी योगदान देना है। हम विकसित मध्यप्रदेश का संकल्प पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी राज्य का बजट लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए है। अगले पांच सालों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य है। उन्होंने एमपी को नदियों का मायका बताया। साथ ही कहा कि जल बंटवारे के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम करने की बात कही। उन्होंने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना, केन-बेतवा लिंक परियोजना और ताप्ती नदी परियोजना का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए 90 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन परियोजनाओं का भूमिपूजन किया है। बीस साल पहले राज्य में सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित थी, जो अब बढ़कर 48 लाख हेक्टेयर हो गई है।मोहन यादव ने कहा कि किसानों के साथ हमारा आत्मीय संबंध है और खेतों तक पानी पहुंचाना हमारा पहला कर्तव्य है। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त आयोग की टीम में आयोग के अध्यक्ष आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. सौम्य कांति घोष एवं डॉ. मनोज पांडा तथा सचिव ऋत्विक पांडे और संयुक्त सचिव के.के. मिश्रा शामिल थे। राज्य सरकार की ओर से सीएम डा मोहन यादव के साथ दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला तथा चीफ सेकेट्री अनुराग जैन और एसीएस सीएम सचिवालय डा राजेश राजौरा सहित वित्त विभाग के बड़े अधिकारी बैठक में शामिल थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य की विकास योजनाओं और वित्तीय जरूरतों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किए।