मप्र के 19 धार्मिक नगरों में पूर्ण शराबबंदी

मोहन यादव कैबिनेट की मेहश्वर में हुई बैठक में फैसला

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 19 धार्मिक नगरों में पूर्णतः शराबबंदी का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोकमाता अहिल्या देवी की राजधानी रही ऐतिहासिक नगरी महेश्वर में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में यह फैसला लिया गया। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने सर्वसम्मत्ति से पारित किया। शराब बंदी वाले नगरों में महाकाल की नगरी उज्जैन भी शामिल होगा।

महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार धीरे-धीरे शराबबंदी की तरफ बढ़ रही है और इसी के तहत राज्य के 19 स्थानों पर शराबबंदी का फैसला लिया गया है। जिन स्थानों पर शराबबंदी की गई है, उनमें एक नगर निगम क्षेत्र, छह नगर पालिका, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायत क्षेत्र शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से नगर निगम क्षेत्र उज्जैन शामिल है। नगर पालिका क्षेत्र दतिया, पन्ना, मंडला, मंदसौर, मैहर, नगर परिषद क्षेत्र ओंकारेश्वर, महेश्वर ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक में भी शराबबंदी की गई है। बताया गया है कि जिन क्षेत्रों में शराबबंदी की गई है, उन क्षेत्रों की शराब दुकानों को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित भी नहीं किया जाएगा। दुकानें स्थायी रूप से बंद की जाएंगी। उज्जैन और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थल हैं, वहीं मैहर एक शक्तिपीठ है. ओरछा में राजा राम मंदिर है, जहां भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है. महेश्वर देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और अमरकंटक वह जगह है जहां नर्मदा नदी का उद्गम होता है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के इस कदम की तारीफ की जा रही है। महेश्वर में कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 22 साल बाद हुई  है। इससे पहले 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में महेश्वर में कैबिनेट बैठक आयोजित हुई थी, अब 22 साल बाद मोहन यादव सरकार द्वारा महेश्वर में यह बैठक आयोजित की गई है।

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