भोपाल गैस कांड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने पर जमकर बवाल

खरी खरी संवाददाता

इंदौर, 3 जनवरी। हजारों लोगों को मौत के आगोश में सुला देने वाली विश्व की भीषणतम त्रासदी भोपाल गैस कांड की जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड फ़ैक्ट्री में जमा जहरीले कचरे का निपटान कोर्ट के आदेशानुसार किया जा रहा है। भोपाल से करीब 230 किलोमीटर दूर पीथमपुर में कचरे को जलाया जा रहा है। कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का विरोध हो रहा है। पीथमपुर में जमकर बवाल मचा है। विरोध का स्वर इतना तेज हो गया कि प्रदर्शन कर रही भीड़ में दो लोगों ने खुद को आग के हवाले कर दिया। कांग्रेस पीथमपुर में विरोध को हवा दे रही है। सरकार फैलते विरोध को रोकने की कोशिश में जुटी है। खुद मुख्यमंत्री डा मोहन यादव इस पर राजनीति नहीं करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन उनकी अपील फिलहाल बे असर करने की कोशिश की जा रही है।

भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को लेकर पीथमपुर में जबरदस्त किच-किच चल रही है। ये कचरा पीथमपुर में नष्ट किया जाना है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। पीथमपुर में हालत बहुत अधिक बिगड़ चुके हैं। दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया है। दोनों को गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया। पीथमपुर के हर गली मोहल्ले सड़क पर लोगों की भीड़ उतर आई है। मामले को लेकर पीथमपुर में सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार 24 घंटे के लिए अनशन पर बैठ गए हैं। डोडियार का कहना है कि 337 मैट्रिक टन जहरीले कचरे को यहां जलाने से लोगों को कैंसर होने का खतरा है। भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांसें फूली हुई हैं। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। पीथमपुर में लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने चारों तरफ से आने-जाने के रास्ते बंद कर दिए हैं। इंदौर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद है। यहां लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है। खाने का सामान भी नहीं है। यहां की फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर परेशान हो रहे हैं। सीएम मोहन यादव ने विरोध कर रहे लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। भोपाल से इंदौर आए 337 टन विषैले कचरे को लेकर जारी विरोध के बीच इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है। उन्होंने सभी से बात की लेकिन उनकी बात से भी आंदोलन पर खासा असर नहीं पड़ा। सुबह होते ही लाखों लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल गए।

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