भूटान के पीएम श्रीराम लला के दर्शन करने अयोध्य पहुंचे

खरी खरी संवाददाता

अयोध्या। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे अपनी पत्नी ओम ताशी दोमा के साथ अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन करने श्री रामलला मंदिर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे और उनकी पत्नी के अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर दौरे की सराहना की। भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे शुक्रवार (5 सितंबर, 2025) सुबह चार घंटे की यात्रा पर अयोध्या पहुंचे, इस दौरान उन्होंने राम मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की। श्री तोबगे सुबह करीब साढ़े नौ बजे भारतीय वायु सेना के विमान से अयोध्या हवाई अड्डे पर उतरे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्श पूरी दुनिया को प्रेरणा और शक्ति देते हैं। भूटान के पीएम ने नालंदा विश्वविद्यालय कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और भारत-भूटान की साझा परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प जताया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे और उनकी पत्नी औम ताशी दोमा के अयोध्या दौरे की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्श विश्वभर के करोड़ों लोगों को प्रेरणा और शक्ति देते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भूटान के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रार्थना करते देखना अद्भुत है। प्रभु श्रीराम के आदर्श पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं। शेरिंग टोबगे अपनी आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं। दोनों ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की और मंदिर परिसर का अवलोकन किया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।

भारत-भूटान के सांस्कृतिक रिश्तों पर जोर
भूटान प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत-भूटान के गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक है। अयोध्या की उनकी आध्यात्मिक यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह दोनों देशों की साझा परंपराओं और विरासत को और मजबूत करती है।

नालंदा विश्वविद्यालय पर टोबगे का जोर
अपनी यात्रा के दौरान टोबगे ने नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि नालंदा की शिक्षा और उसकी स्पिरिट आज भी प्रासंगिक है। भूटान इस परंपरा को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा। उन्होंने राजगीर में भूटान को मंदिर निर्माण का अवसर देने के लिए भारत सरकार का आभार भी जताया

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