बिहार में चुनाव आयोग की पीसी, चुनावों की घोषणा अब कभी भी

खरी खरी संवाददाता

पटना। बिहार विधानसभा के चुनावों की घोषणा अब बहुत जल्दी हो सकती है। रविवार को पटना में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की प्रेस कांफ्रेंस के बाद इसकी संभावना जताई जा रही है। बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को ख़त्म हो रहा है,  ऐसे में राज्य में चुनाव नवंबर तक होने हैं।

पिछला विधानसभा चुनाव (2020) कोरोना महामारी के साये में तीन चरणों में 28 अक्तूबर से 7 नवंबर के बीच हुआ था। भारत में कोरोना महामारी के दौरान का ये पहला बड़ा चुनाव था और कई तरह के दिशानिर्देश इसको लेकर जारी किए गए थे। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज़ हैं। पार्टियों के बीच साधे जा रहे सीटों के समीकरण के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने एसआईआर यानी गहन मतदाता पुनरीक्षण के आंकड़े भी जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक़, बिहार में अब 7।42 करोड़ मतदाता हैं। रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में सफलता के साथ एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हुई है। अब ऐसा माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग जल्द ही चुनाव के तारीखों की घोषणा करेगा और इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लग जाएगी। बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चुनाव आयोग ने एसआईआर शुरू किया था। इसकी टाइमिंग को लेकर विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए जबकि चुनाव आयोग ने इसे वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की प्रक्रिया करार दिया।

आधार कार्ड से जुड़े एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बोले, ”सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के अनुसार, आधार एक्ट के तहत न तो इसे जन्मतिथि का प्रमाण माना जा सकता है, न निवास का, और न ही नागरिकता का। आधार केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता या जन्म का नहीं।” उन्होंने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम यह मानते हैं कि आधार कार्ड पहचान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे नागरिकता या जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता। आधार एक्ट की धारा 9 में भी साफ़ लिखा है कि आधार किसी व्यक्ति की नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है।” ”इसलिए, जो लोग 18 वर्ष से अधिक आयु का प्रमाण देने के लिए केवल आधार कार्ड दिखाते हैं, उनके लिए यह पर्याप्त नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन पात्रता या आयु से जुड़ी पुष्टि के लिए अन्य दस्तावेज़ों की भी आवश्यकता होगी।”

 

 

 

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