बच्चों की मदद से पुलिस ने 22 चोरों का कराया सरेंडर

खरी खरी संवाददाता
राजगढ़। देश के अलग-अलग राज्यों में नाबालिग बच्चों के माध्यम से शादी समारोह में चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले राजगढञ जिले के बोड़ा थाना क्षेत्र के तीन गांवों कड़िया, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी गांव के लगभग 22 आरोपियों ने राजगढ़ एसपी के समक्ष सरेंडर किया। राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि इस मुहिम में हमारी सबसे ज्यादा मदद बच्चों ने की है।
राजगढ़ पुलिस के मुताबिक ऑपरेशन प्रहार के अंतर्गत पुलिस की टीम में शामिल 186 पुलिसकर्मियों ने 15 घंटे की कढ़ी मशक्कत के बाद यह सफलता हासिल की है, जिसमे 30 करोड़ 78 लाख 68 हजार रुपये की चोरी से संबंधित मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जो पिछले पांच वर्षों की तुलना में राजगढ़ पुलिस की सबसे बड़ी सफलता है।
बता दें कड़िया गांव में आयोजित पुलिस के चार दिवसीय विशेष पुनर्वास शिविर में गुलखेड़ी, हुलखेड़ी और कड़िया गांव के 22 लोगों ने आत्मसपर्ण करने के पश्चात भविष्य में अपराध न करने का संकल्प लिया है। कार्यक्रम के अंतिम दिन राजगढ़ एसपी ने अपने उद्बोधन में बच्चों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम पिछले तीन दिन से देख रहे हैं कि हमारे इस कैंप में बच्चों ने हमारी सबसे ज्यादा मदद की है। हमसे बातचीत करते हैं, पढ़ाई के बारे में पूछ रहे हैं, जो कि एक अच्छा संकेत है कि आपका समाज भी चीजों से बेहतर बनने की कोशिश कर रहा है। गलत चीजों को छोड़कर आगे आने की कोशिश कर रहा है।थोड़े दिन पहले एक गुड़िया ने हमे खुद आकर ये बताया था कि वो पिछले कई सालों से चोरी के इस काम में लगी है और वो अब इस काम से दूर हटना चाहती है। ये अच्छे संकेत हैं।
गौरतलब है कि राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा बोड़ा थाना क्षेत्र के इन गांवों में लगातार जागरूकता शिविर आयोजित कर यहां के लोगों को जागरूक करने और मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं,क्योंकि राजगढ़ जिले के ये तीन गांव कथित चोरों के नाम से देश भर में मशहूर हैं। यहां के नाबालिग बच्चे अलग-अलग प्रदेशों में आयोजित होने वाली हाई प्रोफाइल शादियों में मेहमान बनकर शामिल होते हैं और वहां से गहने और जेवरात की चोरी करके लौट आते हैं, जिनकी तलाश में देश भर की पुलिस का राजगढ़ के इन गांवों में आना जाना लगा रहता है। साथ ही बताया जाता है कि यहां के नाबालिग बच्चों को पहले चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है और फिर प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में चोरी के लिए भेज दिया जाता है। राजगढ़ एसपी के जागरूकता शिविर के प्रयास से बच्चे खुद सामने आकर अपनी पीढ़ा बयान कर रहे हैं और कुछ नए बच्चे पढ़ाई लिखाई और अन्य अच्छी चीजों की और आकर्षित हो रहे हैं।