इंदौर ट्रक हादसे को लेकर कोर्ट और सीएम दोनों ही सख्त

खरी खरी संवाददाता

इंदौर। इंदौर में  एयरपोर्ट रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे के मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने  मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करते हुए इंदौर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे 23 सितंबर को वर्चुअल हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि शहर में नो एंट्री होते हुए ट्रक कैसे घुसा। दूसरी तरफ हादसे के घायलों को देखने अचानक इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कड़ा  एक्शन लेते हुए पुलिस के कई अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार शाम तेज रफ्तार ट्रक ने इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर कोहराम मचा दिया था। उसने लगभग एक किलोमीटर तक कई वाहनों को टक्कर मारी। वहीं कुचले जाने से दो लोगों की मौके पर ही मौत तक हो गई, जबकि एक युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 12 घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उक्त भीषण सड़क हादसों को लेकर प्रकाशित समाचारों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की व्यवस्था दी है। राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली खड़े हुए। उन्होंने अवगत कराया कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की है। उसके बाद न्यायालय ने उक्त सवाल करते हुए पुलिस आयुक्त को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। युगल पीठ में सरकार से पूछा है कि भविष्य में ऐसे हादसे घटित न हों इसके लिए क्या योजना तैयार की जा रही है? इस संबंध में सरकार को अगली सुनवाई के दौरान जवाब पेश करना होगा।

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री मोहन यादव मंगलवार को इंदौर आए। घायलों से मिलने के बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली और अफसरों को इस तरह की घटना की रोकथाम के निर्देश दिए। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने यातायात उपायुक्त अरविंद तिवारी सहित आठ अधिकारियों व आरक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए।बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये हादसा दुखद है। हादसे की खबर मिलने के बाद रात को नींद बड़ी मुश्किल से आई। बड़ा कठिन दौर था। इस हादसे से सबक लेना चाहिए। मंगलवार के सारे कार्यक्रम निरस्त कर मैं घायलों से मिलने इंदौर आया हूं। मृतक के परिवारों को चार-चार लाख रुपये और घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये देंगे।

इंदौर। इंदौर में  एयरपोर्ट रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे के मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने  मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करते हुए इंदौर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे 23 सितंबर को वर्चुअल हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि शहर में नो एंट्री होते हुए ट्रक कैसे घुसा। दूसरी तरफ हादसे के घायलों को देखने अचानक इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कड़ा  एक्शन लेते हुए पुलिस के कई अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार शाम तेज रफ्तार ट्रक ने इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर कोहराम मचा दिया था। उसने लगभग एक किलोमीटर तक कई वाहनों को टक्कर मारी। वहीं कुचले जाने से दो लोगों की मौके पर ही मौत तक हो गई, जबकि एक युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 12 घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उक्त भीषण सड़क हादसों को लेकर प्रकाशित समाचारों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की व्यवस्था दी है। राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली खड़े हुए। उन्होंने अवगत कराया कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की है। उसके बाद न्यायालय ने उक्त सवाल करते हुए पुलिस आयुक्त को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। युगल पीठ में सरकार से पूछा है कि भविष्य में ऐसे हादसे घटित न हों इसके लिए क्या योजना तैयार की जा रही है? इस संबंध में सरकार को अगली सुनवाई के दौरान जवाब पेश करना होगा।

दूसरी तरफ

इंदौर ट्रक हादसे को लेकर कोर्ट और सीएम दोनों ही सख्त

खरी खरी संवाददाता

इंदौर। इंदौर में  एयरपोर्ट रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे के मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने  मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करते हुए इंदौर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे 23 सितंबर को वर्चुअल हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि शहर में नो एंट्री होते हुए ट्रक कैसे घुसा। दूसरी तरफ हादसे के घायलों को देखने अचानक इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कड़ा  एक्शन लेते हुए पुलिस के कई अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार शाम तेज रफ्तार ट्रक ने इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर कोहराम मचा दिया था। उसने लगभग एक किलोमीटर तक कई वाहनों को टक्कर मारी। वहीं कुचले जाने से दो लोगों की मौके पर ही मौत तक हो गई, जबकि एक युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 12 घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उक्त भीषण सड़क हादसों को लेकर प्रकाशित समाचारों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की व्यवस्था दी है। राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली खड़े हुए। उन्होंने अवगत कराया कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की है। उसके बाद न्यायालय ने उक्त सवाल करते हुए पुलिस आयुक्त को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। युगल पीठ में सरकार से पूछा है कि भविष्य में ऐसे हादसे घटित न हों इसके लिए क्या योजना तैयार की जा रही है? इस संबंध में सरकार को अगली सुनवाई के दौरान जवाब पेश करना होगा।

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री मोहन यादव मंगलवार को इंदौर आए। घायलों से मिलने के बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली और अफसरों को इस तरह की घटना की रोकथाम के निर्देश दिए। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने यातायात उपायुक्त अरविंद तिवारी सहित आठ अधिकारियों व आरक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए।बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये हादसा दुखद है। हादसे की खबर मिलने के बाद रात को नींद बड़ी मुश्किल से आई। बड़ा कठिन दौर था। इस हादसे से सबक लेना चाहिए। मंगलवार के सारे कार्यक्रम निरस्त कर मैं घायलों से मिलने इंदौर आया हूं। मृतक के परिवारों को चार-चार लाख रुपये और घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये देंगे।

को इंदौर आए। घायलों से मिलने के बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में बैठक ली और अफसरों को इस तरह की घटना की रोकथाम के निर्देश दिए। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने यातायात उपायुक्त अरविंद तिवारी सहित आठ अधिकारियों व आरक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए।बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये हादसा दुखद है। हादसे की खबर मिलने के बाद रात को नींद बड़ी मुश्किल से आई। बड़ा कठिन दौर था। इस हादसे से सबक लेना चाहिए। मंगलवार के सारे कार्यक्रम निरस्त कर मैं घायलों से मिलने इंदौर आया हूं। मृतक के परिवारों को चार-चार लाख रुपये और घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये देंगे।

 

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