दो दिवसीय जीआईएस में 60 देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल
अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का भव्य समापन

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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के वैभवशाली आयोजन ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में समापन हो गया। इस दो दिवसीय समिट में देश विदेश के छोटे-बड़े-मझोले निवेशकों के साथ मप्र सरकार ने लगभग 30 लाख 77 हजार करोड़ के एमओयू किए। समिट में 200 से अधिक संस्थानों के प्रतिनिधि, 60 देशों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए। कई विभागीय सम्मेलन और सेक्टोरल सत्र भी समिट में सम्पन्न हुए हैं। यह मध्यप्रदेश की ग्लोबल उपस्थिति का परिचायक है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा, भोपाल में सम्पन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सिफ मध्यप्रदेश की नहीं, यह देश की उपलब्धि है। उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, जो मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। निश्चित ही मध्यप्रदेश टॉप एचीवर बनेगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव और टीम को दी बधाई
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सूत्र वाक्य ‘विरासत भी और विकास भी’ को मध्यप्रदेश चरितार्थ कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2047 तक पूर्ण विकसित भारत का संकल्प किया है। भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इसमें मध्यप्रदेश अपना योगदान देते हुए महत्वपूर्ण सहयोगी राज्य सिद्ध होगा। मध्यप्रदेश ने लोकल और ग्लोबल दोनों स्तर पर प्रगति के प्रयासों में सहभागी बनने का सराहनीय कार्य किया है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत सफल रही है। इसकी सफलता के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम बधाई और अभिनंदन की पात्र हैं। मध्यप्रदेश में इस समिट में हुए एमओयू जल्द ही मूर्त रूप लेकर प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेंगे।
अमित शाह के उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु
मध्यप्रदेश में सशक्त अधोसंरचना मौजूद है।
भूमि, जल और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है।
यहां कुशल मानव संसाधन की प्रचुरता है।
मध्यप्रदेश में मार्केट का एक्सेस और पारदर्शी प्रशासन है।
मध्यप्रदेश में स्थिर सरकार, केन्द्रीय भौगोलिक स्थिति,है
उद्योगों के लिये अनुकूल नीतियां हैं।
यहां सभी कुछ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
मध्यप्रदेश उद्योगपतियों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
मध्यप्रदेश में सर्वाधिक खनिज संसाधन उपलब्ध हैं।
मध्यप्रदेश देश की कॉटन कैपिटल है।
यहां देश के कपास उत्पादन का एक चौथाई ऑर्गेनिक फार्म में होता है।
मध्यप्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है।
यह बहुत सराहनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है।
मध्यप्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास की उपलब्धि प्राप्त करेगा।