दुष्कर्म पीड़ित बालिका के रहने-खाने की व्यवस्था करेगी सरकार, आज मोहन कैबिनेट की बैठक में मिल सकती है मंजूरी

भोपाल: नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामलों में आरोपितों को तो सजा का प्रविधान कानून में है, लेकिन पीड़ित बच्ची के पालन-पोषण की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए अब मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार प्रविधान करने जा रही है। इसमें पीड़ित बच्ची के रहने-खाने से लेकर सभी व्यवस्था सरकार करेगी। इसके लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम में प्रविधान होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिनियम में प्रविधान करने का प्रस्ताव रखेगा। इसमें पीड़ित बच्ची यदि मां बन जाती है तो उसके बच्चे की भी पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। अभी इसके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है।

केंद्र के निर्देशों के अनुरूप

बता दें कि मप्र सरकार की यह योजना केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप तैयार की गई है। वर्ष 2023 में यानी पिछले साल प्रोटेक्शन फॉर चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट के तहत विक्टिम केयर एंड सपोर्ट स्कीम बनाने की सिफारिश की गई थी। इसका संचालन निर्भया फंड से किया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार से भी वित्तीय सहायता मिलेगी। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक स्वास्थ्य और शिक्षा के साधन सरकारों की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे।

ये प्रावधान किए जा सकते हैं

  • – यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़िताओं की पढ़ाई न छूटे। यदि वे कोई व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहें तो मदद की जाएगी।
  • – पीड़िताओं को मानसिक आघात से उबरने के लिए काउंसलिंग व अन्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
  • – ऐसे बच्चों के लिए डेडिकेटेड चाइल्ड केयर यूनिट की स्थापना की जा सकती है।
  • – मिशन वात्सल्य के तहत संस्थागत देखभाल और गैर-संस्थागत देखभाल के लिए 25 लाख रुपए प्रति वर्ष का प्रावधान हो सकता है।
  • – नवजात शिशु को पीएम-जेएवाई के तहत प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा सकता है।
  • -23 वर्ष तक या रोजगार मिलने तक प्रति बच्चा 4000 रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के उपचार में व्यय हुई राशि की प्रतिपूर्ति समेत कुछ अन्य प्रस्तावों पर भी निर्णय लिया जाएगा।

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