दस मासूमों को चिर निद्रा में सुलाने वाली कफ सिरप बैन

खरी खरी संवाददाता
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने दस बच्चों को चिरनिद्रा मे सुला देने वाले कफ सिरप को आखिरकार प्रदेश में बैन कर दिया। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने सोशस मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी। यह फैसला दवा विक्रेता कंपनी के उत्पादक राज्य तमिलनाडू से मिली जांच रिपोर्ट के बाद लिया गया।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक माह में पांच वर्ष से कम उम्र के 10 बच्चों की मौत हो जाने के बाद शनिवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप के उपयोग और बिक्री पर पूरे प्रदेश में रोक लगाई गई है। कंपनी के अन्य उत्पादों पर रोक लगा दी गई है। यह सीरप श्रीसन कंपनी बनाती है, जिसका उत्पादन इकाई तमिल नाडु के कांचीपुरम में है। मध्य प्रदेश सरकार के कहने पर तमिलनाडु सरकार के औषधि प्रशासन विभाग ने कंपनी के उत्पादन इकाई से सिरप के सैंपल लेकर जांच की तो एसआर-13 बैच में हानिकारक केमिकल डायथिलीन ग्लायकल (डीईजी) पाया गया।इस रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार एक्शन में आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कोल्ड्रिफ में हानिकारक डीईजी मिला, मध्य प्रदेश सरकार अब तक उसकी जांच नहीं करा पाई, तमिलनाडु की रिपोर्ट पर सिरप प्रतिबंधित किया गया है। जबकि इसके पहले स्वास्थ्य विभाग देख रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा था कि नौ सैंपलों की आई रिपोर्ट में कफ सिरप में हानिकारक तत्व नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा की एक बच्ची की शनिवार को नागपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। यहां के 10 बच्चे अब तक दम तोड़ चुके हैं, जबकि 12 का नागपुर में उपचार चल रहा है।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मृतक बच्चों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। बता दें कि छिंदवाड़ा जिले में सर्दी-जुकाम, बुखार के बाद बच्चों को पेशाब रुकने की समस्या हुई। किडनी फेल होने से उनकी मौत का सिलसिला शुरू हुआ। गत चार सितंबर को पहली मौत सामने आई थी, तब स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई। पीड़ित बच्चों की किडनी की बायोप्सी में डीईजी मिलने के बाद मात्र छिंदवाड़ा में ही कफ सिरप को कलेक्टर के निर्देश पर प्रतिबंधित किया गया। एक सप्ताह पहले केंद्र व राज्य की टीम ने बच्चों को पिलाए गए कफ सिरप के अलग-अलग ब्रांड के 19 सैंपल लिए गए थे, अभी तक जिन नौ की रिपोर्ट आई है, उनमें कोल्ड्रिफ शामिल नहीं है। तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन कंपनी द्वारा निर्मित चार अन्य ब्रांड के कफ सिरप के भी सैंपल लिए थे, पर उनमें डीइजी नहीं मिला।