जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग की तैयारी

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली। संसद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जज पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर मुलाकात की। 152 सांसदों ने जज को हटाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक उसी प्रस्ताव को लेकर हुई जिसमें जज वर्मा को हटाने की सिफारिश की गई है।

इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी सक्रियता दिखाई है। राज्यसभा में भी एक समान प्रस्ताव विपक्ष की ओर से दिया गया है। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस विषय पर समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को मुख्य रूप से लोकसभा में ही आगे बढ़ाया जाएगा। जज यशवंत वर्मा एक कथित भ्रष्टाचार मामले में संदेह के घेरे में आए हैं। अभी तक इस मामले से जुड़े विस्तृत दस्तावेज और प्रमाण सार्वजनिक नहीं हुए हैं, लेकिन इतना स्पष्ट है कि मामला गंभीर प्रकृति का है, जिससे न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी वजह से संसद में उनके खिलाफ अनुच्छेद 124(4) के तहत महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

महाभियोग प्रक्रिया क्या होती है?

भारतीय संविधान के तहत, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को हटाने के लिए संसद में महाभियोग चलाया जा सकता है। इसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होता है। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद संबंधित जज को उनके पद से हटाया जा सकता है।

 

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