जलने लगा यूनियन कार्बाइड का कचरा, बढ़ने लगी सियासी तपिश

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड के करीब 40 साल बाद शुक्रवार को यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर औदयोगिक क्षेत्र की रामकी प्लांट में जलाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर लगी याचिकाएं खारिज करते हुए कचरा जलाए जाने का रास्ता साफ कर दिया था। कचरा जलने की प्रक्रिया शुरू होते ही सियासी तपिश बढ़ गई है। कांग्रेस राज्य सरकार पर तमाम आरोप लगा रही है तो खुद सीएम ने इसे कांग्रेस का पाप करार दिया है।

त्रासदी के 40 साल बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे का निस्तारण करा रही है। इसके लिए यूनियन कार्बाइड की भोपाल स्थित फैक्ट्री से जनवरी में 337 टन कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर स्थित संयंत्र में लाकर उसे जलाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने कचरे के जलने से उसके जहरीले तत्वों का जलवायु पर दुष्प्रभाव होने की आशंका जताते हुए विरोध कर दिया था। इसलिए सारी प्रक्रिया कोर्ट के निर्देशानुसार की जा रही है। तीन दिन में दस टन कचरा जलाया जाएगा। दो भस्मकों में 800 और 1200 डिग्री तापमान  रखा गया और उसमें कचरा जलाया गया। उसमें से जो राख बचेगी। उससे पीथमपुर के ही रामकी प्लांट में लैंडफिल किया जाएगा। 30 टन के ट्रायल रन की रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुति की जाएगी। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि कचरा जलाने के दौरान परिणामों का आंकलन किया गया। निष्पादन के दौरान कोई समस्या नहीं आई तो प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। हाईकोर्ट के निर्देशों में भी यही उल्लेख है। इसके पहले कचरा जलाने की प्रोसेस सुबह दस बजे शुरू हो गई थी। कचरे के साथ चूने को मिक्स कर 9-9 किलो के पैकेट बनाए गए हैं। चूने के जरिए जहर के असर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। सुबह से ही  भस्मक को वार्म अप किया गया।  900 डिग्री से ज्यादा तापमान होने के बाद कचरा भस्मक में डाला गया।  कंपनी के समीप के गांव और आसपास के क्षेत्र में 500 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात  किए गए हैं। दो एम्बुलेंस भी गांव में घूम रही हैं।

कचरा जलने की प्रक्रिया शुरू होते ही सियासी तपिश बढ़ गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर कोर्ट की आड़ में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जमकर निकाला है। उनका आरोप है कि कचरा जलाए जाने के गंभीर दुष्परिणाम कई साल बाद दिखाई देंगे। वहीं मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने खुद इस मुद्दे पर पलटवार किया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि यूनियन कार्बाइड का कचरा कांग्रेस का पाप है।

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