ग्वालियर के विकास के लिए सिंधिया के गेट पर बैठेंगे मंत्री

खरी खरी संवाददाता

ग्वालियर। मध्यप्रदेश सरकार के चर्चित कैबिनेट मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने ग्वालियर के विकास में तेजी न आने पर सिंधिया के महल के गेट पर बैठने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने यह अल्टीमेटम ग्वालियर में एक कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में दिया।

ग्वालियर में विजयाराजे सिंधिया कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी पहुंचे थे। मंच से महाविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए मंत्री तोमर ने प्रदेश के विकास में ग्वालियर की अहमियत को रेखांकित किया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि देश में आज मेट्रो चल रही है लेकिन ग्वालियर में तो 1950 में भी मेट्रो ट्रेन चलती थी। मध्यप्रदेश के गठन से पहले जब मध्य भारत हुआ करता था तब ग्वालियर सबसे बड़ा औद्योगिक शहर था। भोपाल, जबलपुर, इंदौर आदि महानगरों से ग्वालियर आगे था। इसी दौरान उनका दर्द भी उभर आया। ऊर्जा मंत्री तोमर ने भावुक होते हुए कहा कि अब ग्वालियर पिछड़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि जो दर्द आपके अंदर है, वह छिपा नहीं है… आपके परिवार ने ग्वालियर को आगे ले जाने के लिए सब कुछ किया। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि सिंधिया को शहर की चिंता करनी होगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वे ग्वालियर चंबल संभाग के विकास के लिए एमपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से मिलकर बात करें। तोमर ने इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर खासतौर पर रुख करते कहा कि महाराज आपसे निवेदन और विनती है… कुछ मजबूरी होगी लेकिन आपको ग्वालियर के लिए आगे आना पड़ेगा… नहीं तो भविष्य में मुझे महल के दरवाजे पर बैठना पड़ेगा…

बाद में इस बात को लेकर जब मीडिया ने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मैंने ग्वालियर के औद्योगिक विकास के लिए देश के प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से बात करने का आग्रह किया है। ग्वालियर को एक बार फिर औद्योगिक शहर बनाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। मैंने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके लिए मैं आपके दरवाजे पर भी बैठूंगा।

 

 

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