गाजा में पोलियो के कारण 3 दिन रुकेगी जंग:25 साल बाद इस वायरस का केस मिला

इजराइल-हमास के बीच गाजा में तीन-तीन दिन के लिए कुछ इलाकों में सीजफायर पर सहमति बनी है। गाजा में 25 साल बाद 23 अगस्त को पोलियो का पहला केस मिला था, जिसके बाद 6.40 लाख बच्चों को पोलियो का टीका लगाया जाएगा।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अधिकारी रिक पीपरकोर्न ने कहा कि फिलिस्तीनी इलाकों में वैक्सीनेशन अभियान रविवार (1 सितंबर) को शुरू होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सीजफायर रहेगा।

WHO अधिकारी ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान सेंट्रल गाजा में शुरू होगा, जहां तीन दिन का सीजफायर रहेगा। फिर दक्षिणी गाजा की ओर बढ़ेगा, जहां तीन दिन का और सीजफायर रहेगा। उसके बाद वैक्सीनेशन ड्राइव उत्तरी गाजा में चलाई जाएगी। पीपरकोर्न ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो हर इलाके में सीजफायर को चौथे दिन तक बढ़ाया जा सकेगा।

मुंह और नाक से शरीर में जाता है पोलियो वायरस
पोलियो वायरस मुंह और नाक के जरिए शरीर के अंदर जाता है, फिर गले और आंतों में डेरा जमा लेता है। वहां यह तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगता है। करीब एक हफ्ते में यह टॉन्सिल और इम्यून सिस्टम में फैलने लगता है। वायरस अगला निशाना बनाता है शरीर में बहते खून को, जिसके जरिए यह पूरे शरीर में फैल जाता है।

सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला कर वायरस बना देता है अपंग
अधिकतर मामलों में आंतों से खून के इस सफर के दौरान शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस को खत्म कर देता है। लेकिन, अगर शरीर ऐसा नहीं कर पाता, तब पोलियो वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम में सेंध लगाने में कामयाब हो जाता है।

CDC के अनुसार पोलियो वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में बीमारी के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। वायरस इन लोगों के दिमाग, रीढ़ की हड्डी और नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। 200 में से एक संक्रमित को लकवा हो जाता है। लकवा के शिकार 5 से 10 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है।

इजराइल-हमास जंग में 40 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग में मरने वाले फिलिस्तीनियों का आंकड़ा 40 हजार के पार हो गया है। गाजा पर इजराइली हमलों में अब तक 90 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों में हमास के आतंकवादियों को भी शामिल किया गया है। मरने वालों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। अभी भी कई शव मलबे में दबे हुए हैं।

गाजा में 11 महीनों से जारी है जंग
इजराइल और हमास के बीच इस जंग को लगभग 11 महीनों का वक्त बीत गया है। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजराइल पर हमला किया था। इसी दिन इजराइल ने जंग का ऐलान कर दिया था। इसमें लगभग 1200 इजराइली नागरिकों की मौत हो गई थी। 329 इजराइली सैनिकों की मौत हो चुकी है।

आतंकवादी लगभग 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इजराइल के मुताबिक अभी भी 111 लोग हमास की कैद में हैं। इनमें 39 के शव भी शामिल हैं। बंधकों में 15 महिलाएं और 5 साल से कम उम्र के 2 बच्चे हैं।

वहीं इजराइली सेना के मुताबिक उन्होंने अब तक हमास के 15 हजार से अधिक आतंकियों का मार गिराया है। जंग की वजह से गाजा में लगभग 18 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। इजराइल और दक्षिणी लेबनान में भी हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

5 लाख लोगों पर भुखमरी का संकट
जंग की वजह से गाजा में मानवीय संकट खड़ा हो गया है। इजराइली हमलों की मार झेल रहे गाजा के नागरिकों के सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के लगभग 5 लाख लोगों को आने वाले महीनों में खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। ये आंकड़ा गाजा की कुल आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइली हमलों ने अब तक गाजा की 59% इमारतों को ध्वस्त कर दिया है। उत्तरी गाजा में ये आंकड़ा 70% से ज्यादा है।

गाजा में सीजफायर के लिए कतर में बातचीत
इजराइल- हमास के बीच सीजफायर और बंधकों की अदला-बदली के लिए कतर में 15 अगस्त से बातचीत हुई थी। यह दो दिन चली थी। इस सीजफायर डील में इजराइल के अलावा कतर, अमेरिका और मिस्त्र के नेताओं ने हिस्सा लिया। हमास का कोई भी प्रतिनिधि इस बातचीत में शामिल नहीं हुआ था।

इस डील के लिए पिछले दो महीने से ज्यादा समय से कोशिश चल रही थी। डील के तहत गाजा में 3 फेज में सीजफायर लागू करने का प्लान है।

इस प्लान के मुताबिक हमास 7 अक्टूबर को बंधक बनाए कुछ लोगों को रिहा करेगा। साथ ही इजराइली सेना गाजा के इलाके से पीछे हटेगी। इजराइल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा।

इजराइल पर ईरानी हमले का खतरा
पिछले महीने 31 जुलाई को ईरान में हमास चीफ हानियेह की मौत के बाद से इजराइल पर ईरानी हमले का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने हानियेह की मौत के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई ने इजराइल से बदला लेने का आदेश दिया था।

इजराइल पर ईरानी हमले की बढ़ती आशंका के कारण अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में पनडुब्बियों और युद्धपोतों को तैनात कर दिया है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी समेत 5 देशों के प्रमुख नेताओं की तरफ से जारी किए गए संयुक्त बयान में ईरान से इजराइल के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए कहा है।

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