गणगौर पर सफाई करने कुएं में उतरे 8 लोगों की जहरीली गैस से मौत

खरी खरी संवाददाता
खंडवा। जिले के छैगांवमाखन ब्लाक के ग्राम कोंडावत में गणगौर पर्व का उत्साह उस समय मातम में बदल गया जब करीब 150 साल पुराने सार्वजनिक कुएं में जवारे विसर्जन के लिए सफाई के लिए कूदे ग्रामीण मौत का शिकार हो गए। मौत के इस कुएं ने एक-एक कर 8 लोगों को आगोश में ले लिया। कुएं में मौजूद जहरीली गैस के कारण लोगों का दम घुट गया।
गुरुवार को ग्रामीण अंचल में गणगौर पर्व के अंतिम दिन रणुबाई को विदाई देने के लिए उत्साह का वातावरण रहा। ग्राम कोंडावत में भी ग्रामीणों द्वारा माता के रथ बौड़ाए गए थे। इन रथों के विसर्जन से पूर्व गांव में गणगौर माता की पूजा के साथ भंडारे भी हुए। शाम को जवारे विसर्जन की तैयारियां चल रही थीं। गांव के ही सार्वजनिक कुएं में जवारों का विसर्जन हर साल किया जाता है। जवारे विसर्जित करने से पूर्व सफाई व्यवस्था के लिए गांव के कुनबी समाज के लोग इस कुएं में उतरे, लेकिन वे वापस नहीं आए। अचेत होने लगे, तो इन्हें बचाने के लिए कुछ लोग और कुएं में उतर गए। एक के बाद एक आठ लोग कुएं में कूदे, लेकिन ये वापस नहीं लौट पाए। इसके बाद कोई भी कुएं में उतरने की हिम्मत नहीं दिखा पाया। कुएं के आसपास ग्रामीणों की भीड़ लग गई। कुएं में अचेत हो चुके लोगों के परिजन आवाज देते रहे, लेकिन कोई आवाज नहीं आई। चीख पुकार मचने लगी। कुएं के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर कलेक्टर ऋषव गुप्ता, एसपी मनोज राय सहित पूरा प्रशासनिक व पुलिस अमला मौके पर पहुंचा। कुएं में गैस का प्रभाव कम करने के लिए पानी निकाले जाने के बाद रेस्क्यू टीम एसडीआरएफ के जवानों ने कूदकर लोगों के शव बाहर निकाले। शवों के बाहर निकलते ही गांव में चीख-पुकार मच गई। इस हृदयविदारक हादसे के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के बुजुर्गों और सरपंच बल्लु तिरतड़े के अनुसार यह कुआं सालों से त्योहारों पर मूर्ति और जवारे विसर्जन के लिए इस्तेमाल होता है। इस बार यह एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन गया।