खामियों वाले नर्सिंग कालेज कमेटी की संतुष्टि के बाद ही कर पाएंगे काउंसलिंग

खरी खरी संवाददाता  

जबलपुर 9 जनवरी। सीबीआई जांच में प्रदेश के जिन नर्सिंग कॉलेजों में कमियां पाई गई हैं, उन्हें हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को संतुष्ट करने स्वतंत्र कर दिया गया है। ऐसा किए जाने पर ही इन नर्सिंग कॉलेजों को काउंसलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित होने की राहत मिल पाएगी। हाई कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया है कि जो नर्सिंग कॉलेज सीबीआई जांच में रेखांकित हुई, कमियों को पूरा करने का प्रमाण प्रस्तुत करे, उन्हें उपयुक्त श्रेणी में रखकर मान्य करते हुए काउंसलिंग में सम्मिलित किया जाए।

दरअसल, बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले अंतर्गत कठघरे में नर्सिंग कॉलेज याचिका के जरिए हाई कोर्ट आए हैं। उनका दावा है कि सीबीआइ जांच में पाई गई कमियों को दूर कर दिया गया है। इसके बावजूद सत्र 2024-25 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है। यही नहीं, वर्तमान में संचालित काउंसलिंग में सम्मिलित नहीं किया जा रहा है। लिहाजा, निवेदन है कि सत्र 2024-25 की काउंसलिंग में सशर्त सम्मिलित होने की अनुमति दी जाए। महाधिवक्ता मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन का पक्ष महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता नर्सिंग कॉलेजों ने सीबीआइ जांच में पाई गई जिन कमियों को दूर कर लिया है, उनका जब तक हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी द्वारा सत्यापन नहीं कर दिया जाता, तब तक किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती है।इन्हें वर्तमान चल रही काउंसलिंग में सम्मिलित किया जा सकता है। इस तर्क से सहमत होकर कोर्ट ने याचिकाकर्ता नर्सिंग कॉलेजों को फिलहाल कोई राहत न देते हुए यह व्यवस्था दे दी कि याचिकाकर्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के समक्ष अपने दस्तावेजों सहित उपस्थित हों। कमेटी को निर्देशित किया जाता है कि यदि संबंधित नर्सिंग कॉलेजों ने सीबीआइ जांच में पाई गई कमियों को पूरा कर लिया है तो उन्हें उपयुक्त की श्रेणी में मान्य करते हुए काउंसलिंग में सम्मिलित किया जाए।

 

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