बहेलियों-तोतों की कोर्ट में पेशी, बहेलियों को सजा, तोते आजाद

खरी खरी संवाददाता
खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में 27 तोतों और दो बहेलियों को कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने सभी तोतों को आजादी दे दी और बहेलियों को जेल भेज दिया।
खंडवा जिले के कालजाखेड़ी क्षेत्र से वन विभाग के अमले ने दो बहेलियों को गुलाबी छल्ले वाले 27 तोतों (रेड रोज पैराकीट) के साथ पकड़ा था। दोनों बहेलियों और सभी 27 तोतों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तोतों को आजाद करने तथा बहेलियों का जेल भेजने के आदेश दिए। वन विभाग ने तोतों की चिकित्सकीय जांच कराई और स्वस्थ पाए जाने के बाद सभी तोतों को छोड़ दिया गया। वहीं दोनों बहेलियों को कारागार भेज दिया गया। एडीपीओ हरिप्रसाद बांके ने बताया कि वन विभाग ने आवेदन लगाया था कि तोतों को प्राकृतिक आवास में छोड़ना है। न्यायालय ने विभाग का आवेदन स्वीकार करते हुए अनुमति दे दी। तोतों को पकड़ने वाले बहेलियों ने भी जमानत का आवेदन लगाया था। इसे निरस्त कर दिया है। दो बहेलियों ने शनिवार को कालजाखेड़ी क्षेत्र में लगे नीम के पेड़ पर जाल बिछाकर 27 तोतों को पकड़ा था। आरोपी एक तोता 25 से 30 रुपये में बेचते थे, जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिल रही थी कि रेड रोज पैराकीट तोतों को पकड़कर उन्हें बेचा जा रहा है। वन विभाग की टीम जब भी पहुंचती, आरोपी फरार हो जाते थे। शनिवार शाम भी सूचना मिली कि कालजाखेड़ी क्षेत्र में बहेलिए तोता पकड़ने आए हैं। नीम के पेड़ पर जाल बिछाकर बैठे हैं। इस पर रेंजर और वन रक्षक विकास चौहान व दीपेश दांगोरे मौके पर पहुंचे। तब तक आरोपितों ने 27 तोते पकड़कर झोले में भर लिए थे। वे तोतों से भरा झोला छोड़कर भागने लगे। वनकर्मियों ने पीछा कर दोनों आरोपितों को पकड़ लिया। आरोपितों के नाम भीमा मोंगिया निवासी घासपुरा व सोनू कहार निवासी सियाराम चौक हैं। आरोपितों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे गली-गली घूमकर और आर्डर पर तोतों को बेचते थे।