कांग्रेस के अधिवेशन में ईवीएम विरोधी राग, बैलेट से चुनाव की मांग

खरी खरी संवाददाता
अहमदाबाद। कांग्रेस ने एक बार फिर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) विरोधी राग अलापते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस के अहमदाबाद में हुए अधिवेशन में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने कहा कि भाजपा अपने फायदे के लिए ईवीएम का इस्तेमाल करवा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण में ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया भर के तमाम विकसित देश ईवीएम को छोड़ बैलेट पेपर की ओर लौट रहे हैं और एक हम हैं जो अब भी ईवीएम पर ही निर्भर हैं। ईवीएम को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘जहां एक तरफ पूरी दुनिया बैलेट पेपर की तरफ लौट रही है, वहीं दूसरी तरफ हम आज भी अपनी चुनावी प्रक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए ईवीएम पर निर्भर हैं और ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते आ रहे हैं। लेकिन अफसोस मौजूदा सरकार इस दिशा में किसी भी प्रकार का कदम उठाती हुई नजर नहीं आ रही है। इस सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे उन्हें फायदा पहुंचे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में इस देश के नौजवान उठ खड़े होंगे और कहेंगे कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए। खरगे ने कहा कि ‘यह सरकार पिछले 11 सालों से सत्ता में है मगर विपक्ष के किसी भी नेता को सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है। यहां तक कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी बोलने नहीं दिया जाता है। ऐसे में आप इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जब लोग राहुल गांधी सरीखे नेता को बोलने नहीं दे रहे हैं, तो भला इस देश के आम लोगों को कैसे बोलने देंगे? यह अपने आप में बड़ा सवाल है, जिस पर हम सभी को एकजुट होकर विवेचना करनी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ईवीएम के फर्जीवाड़े से ही बीजेपी ने महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार का बोलने पर भी पहरा है। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा हुकूमत अगर विपक्ष की अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार कर रही है, तो यह बात बड़ी आसानी से समझी जा सकती है कि यह सरकार किस मानसिकता के साथ काम कर रही है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस सरकार की यह मानसिकता इस मुल्क के आवाम के लिए कतई ठीक नहीं होगी।