कपड़ा बाजार से निकाले गए मुस्लिम सेल्समैन और व्यापारी

खरी खरी संवाददाता

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले मुस्लिम व्यापारियों और सेल्समैन्स के सामने रोजी रोटी और जीवन यापन का सवाल खड़ा हो गया है। हिंदूवादी नेताओं के कहने पर उन्हें कपड़ा बाजार में व्यापार और काम करने से मना कर दिया गया है। यह कदम इंदौर-4 विधानसभा सीट से बीजेपी की एम.एल.ए. मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ के फरमान पर उठाया गया।

इंदौर के शीतला माता कपड़ा बाजार में इस समय “जिहादी मानसिकता से छुटकारा दिलाने के लिए धन्यवाद” के पोस्टर लगे हैं। यह इस बात का सबूत है कि बाजार से मुस्लिमों को बाहर किए जाने की खबर एकमद सही है। शीतलामाता कपड़ा बाज़ार के अध्यक्ष हेमा पंजवानी कहते हैं कि बंद कमरे की एक बैठक में एकलव्य सिंह गौड़ ने व्यापारियों के प्रतिनिधियों से बात की थी। इसी बैठक में शीतलामाता कपड़ा बाज़ार के व्यापारियों के प्रतिनिधियों के लिए यह फ़रमान जारी किया। इसके बाद एकलव्य सिंह गौड़ ने स्थानीय मीडिया को कई बार दिए अपने बयान में कहा, “मेरे पास कई बार लव जिहाद की शिकायतें आ चुकी हैं। यह षडयंत्र अब कोई कल्पना या मनगढ़ंत बात नहीं है। हमारे कपड़ा बाज़ार में ज़्यादातर महिलाएं आती हैं और मुस्लिम सेल्समैन उन्हें लव जिहाद में फंसा लेते हैं।” एकलव्य सिंह गौड़ भले ही निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन बाज़ार में उनकी बातों का खूब वजन है। शीतलामाता कपड़ा बाज़ार के अध्यक्ष हेमा पंजवानी ने कहते हैं कि  “हमारे एकलव्य भैया का आदेश था कि बाज़ार से मुस्लिम सेल्समैन और व्यापारियों को बाहर निकला जाए। उनके पास कई बार लोग लव जिहाद के मुद्दे को लेकर गए थे। इंदौर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा कि अब तक उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। वहीं, विधायक मालिनी गौड़, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर बीजेपी अध्यक्ष सुमित शर्मा और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस बीच “जिहादी मानसिकता से छुटकारा दिलाने के लिए धन्यवाद” के पोस्टर इंदौर के बाज़ार में कुछ और हक़ीकत बयां कर रहे हैं। मुसलमानों को बाज़ार से निकाले जाने के फ़रमान के बाद नौकरी गंवा चुके सलमान ने मीडिया से कहा, “हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। हमारी दिक्कतें ये हैं कि बच्चों की स्कूल की फीस भरनी है, घर का राशन खरीदना है, लोन चुकाना है, और अगर हमें काम ही नहीं करने दिया जाएगा तो हम अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे?” नौकरी से निकाले जा चुके एक मुस्लिम सेल्समैन ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “एकलव्य सिंह गौड़ हिंदू व्यापारियों पर दबाव बना रहे हैं ताकि खुद को हिंदूवादी नेता साबित कर सकें, चाहे इसमें मुस्लिमों और उनके परिवारों की ज़िंदगी बर्बाद ही क्यों न हो।

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