एमपी के तीन जिलों में नक्सलवाद के सफाए के लिए 850 पद मंजूर

खरी खरी कंव वागॉता

भोपाल। सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 6 मई को मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। कैबिनेट में निर्णय लिया कि बालाघाट, मंडला, डिंडौरी से नक्सलवाद के सफाए के लिए 850 कार्यकर्ताओं के पद मंजूर किए गए हैं, इन्हें हर महीने 25 हजार मानदेय दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश के पैरालंपिक मेडलिस्ट रुबीना फ्रांसिस और कपिल परमार को 1-1 करोड़ दिए जाएंगे।

कैबिनेट के फैसलों जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस साल 8 लाख 76 हजार किसानों से 81 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी की गई है। पिछले साल 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया था।गेहूं के उपार्जन में इस बार भी मप्र ने रिकॉर्डतोड़ खरीदी की है। बोनस प्रोत्साहन राशि 175 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को दी गई थी इस कारण अधिकांश किसानों ने खरीदी केंद्रों पर पहुंच कर गेहूं बेचा है। दूसरे सिंचाई का रकबा बड़ा है, सिंचाई योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक पहुंच रहा है। खेती अच्छी हो रही है। इस साल अब तक 8 लाख 76 हजार किसानों से 81 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। पिछली बार 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई थी। नक्सलवाद को लेकर देश और प्रदेश की सरकार सक्रियता से काम कर रही। नक्सली लगातार समर्पण कर रहे हैं। अभी तीन जिलों- बालाघाट, मंडला, डिंडौरी में नक्सलियों का आवागमन है। इस पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए इन जिलों में गांववासियों के बीच में से ही कार्यकर्ता तैयार कर रहे हैं। इसके लिए 850 पद मंजूर किए गए हैं। इन कार्यकर्ताओं को हर महीने 25 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद को सरकार ने एक करोड़ रुपए दिए थे। इसके बाद पैराओलंपिक में मेडल जीतने वाली मध्यप्रदेश की शूटर रूबीना फ्रांसिस और जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने भी मांग की थी, उन्हें भी एक-एक रोकड़ रुपए दिए जाएं। इस पर मुख्यमंत्री ने यह राशि देने की घोषणा की थी। उसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यानी अब जबलपुर की निशानेबाज रूबीना फ्रांसिस और सीहोर के जूडो प्लेयर कपिल परमार को 1-1 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

पचमढ़ी शहर को अभयारण्य से बाहर करने का निर्णय किया गया है। इसमें पचमढ़ी की 395.93 हेक्टेयर जमीन को नजूल घोषित किया जाएगा।। इसके बाद यहां जमीन की खरीद फरोख्त हो सकेगी। इस निर्णय के बाद पचमढ़ी अभयारण्य का नोटिफिकेशन फिर जारी होगा। यह फैसला मप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button