उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू, वोटिंग 9 सितंबर को

खरी खरी संवाददाता

नई दिल्ली।  जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा दिए जाने से रिक्त उपराष्ट्रपति पग भरने के लिए चुनावी कवायद शुरू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। वोटिंग की तारीख नौ सितंबर तय की गई है।

चुनाव आयोग के नोटिस के अनुसार, 7 अगस्त को इस चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी। नामाकंन 21 अगस्त तक किया जा सकता है। नामांकन पत्र की जांच 22 अगस्त को की जाएगी। नामाकंन वापस लेने की तारीख 25 अगस्त है। अगर जरूरी हुआ तो 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी। वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक होगी। 9 सितंबर के ही दिन काउंटिंग भी होगी और विजेता के नाम का ऐलान किया जाएगा।

आप को बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया था उसके बाद से ये पद रिक्त थे। इसके बाद भारत निवार्चन आयोग ने​ उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी भारत के चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने का अधिकार प्राप्त है। भारत के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों, अर्थात राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 द्वारा शासित होता है। इसी के आधार पर  भारत निर्वाचन आयोग ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की है। भारत का उपराष्ट्रपति पद संवैधानिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। यह देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। इसके साथ-साथ राज्यसभा (उच्च सदन) के सभापति की भी जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति पर ही होती है। संविधान में अनुच्छेद 63 से 70 तक उपराष्ट्रपति पद और चुनाव प्रक्रिया के बारे में उल्लेख है। चुनाव एक विशेष इलेक्टोरल कॉलेज संपन्न कराता है।उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य वोट करते हैं। इसमें राज्यों की विधानसभाओं की कोई भूमिका नहीं होती। वर्तमान में यह संख्या 780 के आसपास होती है। चुनाव में यानी हर सांसद का एक ही वोट माना जाता है।

 

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