ईडी की चार्जशीट में सोनिया-राहुल का नाम होने मचा सियासी घमासान

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पेश किए गए चालान में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम आने के बाद प्रदेश की राजनीति बुधवार को गरमा गई। कांग्रेस ने इसके विरोध में मध्यप्रदेश के सभी जिलों और तहसीलों में प्रदर्शन किया। राजधानी भोपाल में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर हुए प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में भारी संख्या में कार्यकर्ता जुटे। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए इसे गांधी परिवार को बचाने की ‘राजनीतिक नौटंकी’ बताया।

भोपाल स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार और ईडी पर पक्षपात का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पिंजरे में तोता लेकर पहुंचे। उन्होंने प्रतीकात्मक तौर पर कहा कि आज की ईडी भाजपा के इशारों पर नाचने वाला तोता बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने पिछले 10 वर्षों में 5000 से अधिक केस दर्ज किए लेकिन अधिकांश में कोई ठोस परिणाम नहीं आए। पटवारी ने कहा कि ईडी सिर्फ विपक्षी नेताओं को डराने का काम कर रही है। ईडी की कार्रवाई 36 बड़े विपक्षी नेताओं पर हुई, लेकिन उनमें से 70 फीसदी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को ‘अलोकतांत्रिक’ बताते हुए कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को ईडी दफ्तर के गेट से दूर रोकने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और हल्की झड़प भी देखने को मिली। शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने बताया कि 200 से अधिक कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए थे, लेकिन पुलिस ने किसी को ईडी कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया।भाजपा ने कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन को ‘चोरी और सीनाजोरी’ करार दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस सरकार के समय ही उजागर हुआ था। यह एक ऐसा मामला है, जिसमें 90 करोड़ की देनदारी वाली कंपनी हजारों करोड़ की संपत्ति की मालिक बन गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीति कर रही है, जबकि यह मामला पूरी तरह कानूनी और तकनीकी है। उन्हें सड़कों पर प्रदर्शन करने की बजाय अदालत में जवाब देना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा गांधी परिवार को प्रतिशोध की आग में झुलसाना चाहती है, लेकिन यह प्रयास उल्टा पड़ेगा। कांग्रेस नेतृत्व की आवाज दबाकर भाजपा जनता की आवाज को दबाना चाहती है। यह खुला राजनीतिक षड्यंत्र है, लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार झुकने वाला नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने 1930 से लेकर आज तक कोई भी संपत्ति निजी स्वार्थ के लिए नहीं अर्जित की है। अब भाजपा और आरएसएस ईडी, सीबीआई और आयकर जैसी संस्थाओं का राजनीतिक हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही हैं।

 

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