आरएसएस ने औरंगजेब कब्र विवाद से खुद को अलग किया

खरी खरी संवाददाता

बेंगलुरू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने औरंगजेब की कब्र को लेकर हो रहे विवादों से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि वर्तमाल दौर में मुगल बादशाह प्रासंगिक नहीं है।

बेगलूरू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में औरंगज़ेब पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा, ”मैं समझता हूं कि आज के दौर में वो प्रासंगिक नहीं हैं। समाज के लिए किसी भी तरह की हिंसा ठीक नहीं है।” आंबेकर ने बेंगलुरू में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के तीन दिवसीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस नागपुर में हिंसा की वजहों की पड़ताल कर रही है। महाराष्ट्र के संभाजीनगर ज़िले में औरंगज़ेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत कुछ हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद फैली कथित अफवाह के बाद सोमवार की रात नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क उठी थी और कुछ पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में नागपुर हिंसा पर बयान दिया था और हिंसा के लिए हाल में आई फिल्म ‘छावा’ को ज़िम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज पर औरंगज़ेब के अत्याचार को दिखाया गया है। इससे लोगों की भावनाएं भड़क उठीं। हालांकि आंबेकर ने ‘छावा से लोगों में औरंगज़ेब के प्रति नाराज़गी होने’ में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। आरएसएस के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि हिंसा नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय से काफी दूर हुई है.

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