अमेरिका में भारतीय खुफिया एजेंसी रा पर बैन लगाने की मांग

खरीखरी डेस्क

नई दिल्ली। भारत की खुफिया एजेंसी रा पर अमेरिका मे बैन लगाने की मांग उठ रही है। अमेरिका के यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ़्रीडम (यूएससीआईआरएफ़) की साल 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में इस तरह की मांग का जिक्र किया गया है। यह रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है। भारत ने इस रिपोर्ट को राजनीतिक बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है।

अमेरिका के यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ़्रीडम (यूएससीआईआरएफ़) की साल 2025 की हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट मे भारत को लेकर चौंकाने वाली बातें कही गई हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार ख़राब हो रही है क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हमले और भेदभाव के मामले बढ़ रहे हैं। इसी आधार पर भारत की खुफिया एजेंसी रा (रिसर्च एंड ऐनालिसिस विंग) पर बैन लगाने की भी मांग की गई है। रॉ पर प्रतिबंध लगाने की मांग इस रिपोर्ट का हिस्सा है। भारत ने यूएससीआईआरएफ़ की रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए इसे ‘पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित’ बताया है। यूएससीआईआरएफ़, 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के ज़रिए बनाया गया एक अमेरिकी संघीय आयोग है। इसका मुख्य काम अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर शोध और निगरानी करना है। इस साल की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया काफ़ी हद तक पिछले कुछ वर्षों की प्रतिक्रियाओं जैसी थी। पिछले कुछ सालों से यूएससीआईआरएफ़ लगातार भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक उत्पीड़न पर चिंता जताता रहा है और भारत हर बार इसे ख़ारिज करता आया है।

करीब 6 पन्नों की इस रिपोर्ट में भारत को उन 16 देशों के साथ रखने का सुझाव दिया है जहां ‘कुछ ख़ास चिंताएं’ हैं. इसके बारे में रिपोर्ट के 22वें और 23वें पेज पर विस्तृत जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में लिखा गया है, “भारत सरकार ने विदेशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से सिख समुदाय के सदस्यों और उनकी आवाज़ उठाने वालों को टारगेट करने के लिए अपनी दमनकारी रणनीति का विस्तार करना जारी रखा. भारत के धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघनों का डॉक्यूमेंटेशन करने वाले पत्रकारों, शिक्षाविदों और नागरिक समाज संगठनों ने कांसुलर सेवाएं न मिलने, ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को निरस्त करने के साथ-साथ हिंसा और निगरानी की धमकियों की सूचना दी है। रॉ के बारे में कहा गया, “अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग और कनाडा सरकार की ख़ुफ़िया जानकारी ने भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी और छह राजनयिकों के न्यूयॉर्क में 2023 में एक अमेरिकी सिख कार्यकर्ता की हत्या के प्रयास से जुड़े आरोपों की पुष्टि की है।” संस्था ने अमेरिकी सरकार से रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश की है।

यूएससीआईआरएफ़ ने रिपोर्ट में लिखा, “धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में दोषी पाए गए व्यक्तियों और संस्थाओं, जैसे विकास यादव और रॉ पर ‘टारगेटेड प्रतिबंध’ लगाएं। उनकी संपत्तियों को जब्त करें और/या संयुक्त राज्य अमेरिका में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएं।” अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने 17 अक्तूबर को भारतीय नागरिक विकास यादव के ख़िलाफ़ भाड़े पर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की घोषणा की थी। अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि साल 2023 में अमेरिकी धरती पर ‘गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साज़िश’ में विकास यादव की अहम भूमिका थी। जहां अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने यादव को भारत सरकार का कर्मचारी बताया था, वहीं भारत ने कहा था कि विकास यादव अब भारत सरकार के कर्मचारी नहीं हैं।टारेगेटेड प्रतिबंध एक प्रकार का आर्थिक या व्यापारिक प्रतिबंध है जो एक या एक से अधिक देश या अंतर्राष्ट्रीय संगठन किसी देश के अंदर व्यक्ति विशेष, संस्थाओं या सेक्टर के ख़िलाफ़ लगाया जाता है न कि पूरे देश पर।

 

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