अब सरदार पटेल को लेकर कांग्रेस भाजपा में मचेगा सियासी घमासान

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। बाबा साहब अंबेडकर के बाद अब सरदार वल्लभ भाई पटेल मध्यप्रदेश की सियासत में सत्ता पाने का मुद्दा बनने जा रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल का विषय कांग्रेस के गुजरात में चल रहे अधिवेशन में उठने के बाद मप्र में इस पर सियासी पारा गर्माया है।

अहमदाबाद में चल रहे कांग्रेस के अधिवेशन का सियासी असर मध्यप्रदेश में दिखाई दे रहा है। बाबा साहेब अंबेडकर के बाद अब सरदार वल्लभ भाई पटेल पर सियासी दावे शुरऊ हो गए हैं।  जिस समय अहमदाबाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 जयंती मनाए जाने के साथ कांग्रेस नया अभियान छेड़ने की तैयारी में है। ठीक उसी समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी में ‘पटेल हमारे है’ के दावे के साथ सियासी दंगल छिड़ गया है। इसके पहले भी अंबेडकर को लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने-सामने आ चुकी हैं। मध्यप्रदेश में बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर लंबे समय तक कांग्रेस-बीजेपी के बीच राजनीति हुई। अब सरदार वल्लभ भाई पटेल केन्द्र में आ गए हैं. अब दावा इस पर है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल किस राजनीतिक दल की वल्दीयत में लिखे जाएं। यह भोपाल से 578 किलोमीटर दूर अहमदाबाद में शुरू हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन का असर है।  इस अधिवेशन में पार्टी ने तय किया है कि पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर कांग्रेस न्याय पथ अभियान शुरू करेगी। तय हुआ है कि पटेल के सहारे काग्रेस एक नया राष्ट्रवाद देश में खड़ा करेगी। पटेल पर दावेदारी को लेकर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा “कांग्रेस ने जीते जी और बाद में भी सरदार पटेल का अपमान किया। कांग्रेस ने वल्लभभाई पटेल के साथ न्याय नहीं अपमान किया. कांग्रेस नेताओं की वजह से उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। सरदार पटेल की एक बात भी नहीं मानी गई। सरदार पटेल की बात मानी होती तो आज कश्मीर का दर्द नहीं होता। सरदार पटेल के साथ कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर का भी सम्मान नहीं किया। कांग्रेस का न्यायपथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को सेफ करने के लिए है. अब कांग्रेस को गांधी परिवार से न्याय के लिए लड़ना चाहिए। उधर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्‍ता शैलेंद्र पटेल ने कहा “बीजेपी हमेशा अपना एजेंडा तय करने का काम करती। कांग्रेस पार्टी ने सरदार वल्लभभाई और डॉ.अंबेडकर को सम्‍मान दिया। पार्टी ने अंबेडकर को संविधान सभा में नॉमिनेट किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ. अंबेडकर कांग्रेस के हैं, न कि बीजेपी के. इनको लेकर बीजेपी का कोई इतिहास नहीं रहा।””

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