शहडोल की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में निवेश की बरसात

खरी खरी संवाददाता
शहडोल, 16 जनवरी। शहडोल में आयोजित प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयों के स्थापित होने से 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह प्रस्ताव खनिज, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, स्टील प्लांट, कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्रों से संबंधित है।
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शहडोल क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना की अपार संभावनाएं हैं। यह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से समीप है। शहडोल, खनिज संसाधनों से समृद्ध है। इसमें कोयला, बॉक्साइट, फायर क्ले और ग्रेनाइट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां की वन संपदा और जैव विविधता इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनाती है। पर्यटन की दृष्टि से अमरकंटक नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल है। धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र है। उमरिया जिले में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, सरसी आइलैंड पर्यटकों को आकर्षित करता है, आज आयोजित इस कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ किए गए संवाद से यह स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्थानीय एमएसएमई को बड़े उद्योगों के साथ साझेदारी करने के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उनकी वृद्धि को बल मिलेगा एवं कुटीर ग्रामोद्योग को भी इकोसिस्टम में जुड़ने का अवसर मिलेगा। कॉन्क्लेव में 5 हजार से अधिक लोगों ने सहभागिता की। 50 से अधिक विशिष्ठ अतिथि तथा 3 हजार से अधिक एमएसएमई प्रतिभागियों ने भागीदारी की। जिनमें से अधिकांश ऊर्जा, खनिज, कृषि, उद्यानिकी, साथ प्रसंस्करण एवं पर्यटन क्षेत्र के उद्योगपति हैं।